Leukorrhea-ल्यूकोरिया होने पर स्त्री की योनि से सफेद रंग का चिकना स्त्राव पतले या गाढ़े रूप में निकलने लगता है इस प्रदर में तीक्ष्ण बदबू उत्पन्न होती है ऐसे में दिमाग कमजोर होकर सिर चकराने लगता है स्त्री को बड़ी बैचेनी एवं थकान महसूस होती है कारण ये है खून की कमी, चिन्ता, शोक, भय, सम्मान की कमी, अधिक सम्भोग, भावनात्मक कष्ट, अजीर्ण, कब्ज, मूत्राशय की सूजन आदि कारणों से स्त्रियों को श्वेत प्रदर हो जाता है-
पहचान-
योनि मार्ग से सफेद रंग का पतला-पतला स्त्राव निकलता है कभी-कभी गाढ़ा लेसदार स्त्राव चिपचिपे श्लेष्मा के साथ निकलने लगता है इस रोग में भूख नहीं लगती है पेट में भारीपन, सिर दर्द, शरीर में दर्द, उत्साह का खत्म हो जाना, जलन, योनि में खुजली तथा दुर्गंध आने लगती है स्त्री दिन-प्रतिदिन कमजोर होती चली जाती है शरीर में हड़फूटन पड़ती है तथा कमर में बड़ी तेजी से दर्द होता है-
नुस्खे-
1- 10 ग्राम मुलहठी तथा 20 ग्राम चीनी - दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें आधा चम्मच चूर्ण सुबह और आधा चम्मच शाम को दूध के साथ सेवन करें-
2- सूखे हुए चमेली के पत्ते 4 ग्राम और सफेद फिटकिरी 15 ग्राम - दोनों को खूब महीन पीस लें इसमें से 2 ग्राम चूर्ण शक्कर में मिलाकर रात के समय फांककर ऊपर से दूध पी लें इससे श्वेत प्रदर ठीक हो जाता है जब तक प्रदर न रुके, यह दवा नियमित रूप से लेते रहना चाहिए-
3- पके हुए केले में 1 ग्राम फिटकिरी का चूर्ण भरकर दोपहर के समय उसे खूब चबा-चबाकर खाएं इससे सफेद प्रकार रुक जाएगा-
4- पेट पर ठंडे पानी का कपड़ा 10 मिनट तक रखें श्वेत प्रदर में यह लाभकारी रहता है-
5- अशोक की छाल 50 ग्राम लेकर उसे लगभग 2 किलो पानी में पकाएं जब पानी आधा किलो की मात्रा में रह जाए तो उसे उतारकर छान लें ठंडा करके इसमें दूध मिलाकर घूंट-घूंट पिएं- श्वेत प्रदर रोकने की यह अचूक दवा है-
6- गुलाब के पांच फूल मिश्री के साथ मिलाकर खाए ऊपर से गाय का आधा किलो दूध दें-
7- अरहर के आठ-दस पत्ते सिल पर पानी द्वारा पीस लें इसमें थोड़ा-सा सरसों का तेल पकाकर मिलाएं फिर थोड़ी चीनी डालकर सेवन करें-
8- एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ चाटना चाहिए-
9- अनार के सूखे छिलके एक चम्मच की मात्रा में ठंडे पानी से सेवन करें-
10- दो चम्मच मूली के पत्तों का रस नित्य पीने से श्वेत प्रदर का रोग ठीक हो जाता है-
11- 10 ग्राम आंवले का गूदा 2 ग्राम जीरा - दोनों को खरल करके लें-सिंघाड़े के आटे की रोटी पर देशी घी लगाकर कुछ दिनों तक खाएं-
उपचार और प्रयोग-
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