What is home remedies Navel Slip
आधुनिक जीवन में खानपान आहार विहार, भागम भाग की टेंसन भरी जिंदगी ऐसे में हाथ-पांव में किसी प्रकार झटका लग जाए या फिर चढ़ते-उतरते चलते समय ढीला पाँव पड़ने से नाभि में स्थित समान वायु चक्र अपने स्थान से दायें-बाएं या उपर-नीचे सरक जाता है तो इसे नाभि का टलना (Navel sidestep) कहा जाता है-
आजकल आधुनिक जीवन-शैली इस प्रकार की है कि भाग-दौड़ के साथ तनाव-दबाव भरे प्रतिस्पर्धापूर्ण वातावरण में काम करते रहने से व्यक्ति का नाभि-चक्र निरंतर क्षुब्ध बना रहता है इससे नाभि अव्यवस्थित हो जाती है और परिणाम ये होता है कि पेट दर्द ,पेचिस-पतले दस्त ,पेट आम जाना पेट फूलना-अरूचि-हरारत आदि होता है और जहाँ तक इसे अपने नियत स्थान पर पुन:स्थापित नही कर दिया जाये रोगी का आराम नहीं होता है और लापरवाही करने पर ये हमेशा के लिए अपनी जगह बना लेता है वैसे नाभि पुरुषो में बायीं तरफ और स्त्रियों में दायी ओर टला करती है-
योग में नाड़ियों की संख्या बहत्तर हजार से ज्यादा बताई गई है और इसका मूल उदगम स्त्रोत नाभि-स्थान है कई बार नाभि के टल जाने पर भी कब्ज की शिकायत हो जाती है और जब तक नाभि टली है तब तक कब्ज ठीक नहीं हो सकता है अत:इसके लिए हमें सबसे पहले अपनी नाभि की जांच करवा लेनी चाहिए अगर नाभि स्पंदन केंद से खिसक गई है तो उसे नाभि टलना (Navel sidestep) कहते हैं इसके सही जगह में आते ही कब्ज की परेशानी दूर हो जाती है-
नाभि में लंबे समय तक अव्यवस्था चलती रहती है तो उदर विकार के अलावा व्यक्ति के दाँतों, नेत्रों व बालों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ने लगता है और दाँतों की स्वाभाविक चमक कम होने लगती है तथा यदाकदा दाँतों में पीड़ा होने लगती है और नेत्रों की सुंदरता व ज्योति क्षीण होने लगती है-बाल असमय सफेद होने लगते हैं-आलस्य, थकान, चिड़चिड़ाहट, काम में मन न लगना, दुश्चिंता, निराशा, अकारण भय जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों की उपस्थिति नाभि चक्र की अव्यवस्था की उपज होती है-
नाभि स्पंदन से रोग की पहचान का उल्लेख हमें हमारे आयुर्वेद व प्राकृतिक उपचार चिकित्सा पद्धतियों में मिल जाता है परंतु इसे दुर्भाग्य ही कहना चाहिए कि हम हमारी अमूल्य धरोहर को न संभाल सके है यदि नाभि का स्पंदन ऊपर की तरफ चल रहा है यानि छाती की तरफ तो अग्न्याशाय खराब होने लगता है इससे फेफड़ों पर गलत प्रभाव होता है और मधुमेह, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं-
नाभि हटने (Navel Slip) के लक्षण-
1- यदि यह स्पंदन नीचे की तरफ चली जाए तो पतले दस्त होने लगते हैं और बाईं ओर खिसकने से शीतलता की कमी होने लगती है सर्दी-जुकाम, खाँसी, कफ-जनित रोग जल्दी-जल्दी होते हैं-
2- दाहिनी तरफ हटने पर लीवर खराब होकर मंदाग्नि हो सकती है पित्ताधिक्य, एसिड, जलन आदि की शिकायतें होने लगती हैं इससे सूर्य चक्र निष्प्रभावी हो जाता है और गर्मी-सर्दी का संतुलन शरीर में बिगड़ जाता है इस कारण मंदाग्नि, अपच, अफरा जैसी बीमारियाँ होने लगती हैं-
3- यदि नाभि पेट के ऊपर की तरफ आ जाए यानी रीढ़ के विपरीत तो फिर मोटापा हो जाता है या वायु विकार हो जाता है और यदि नाभि नीचे की ओर (रीढ़ की हड्डी की तरफ) चली जाए तो व्यक्ति कुछ भी खाए वह दुबला होता चला जाएगा तथा नाभि के खिसकने से मानसिक एवं आध्यात्मिक क्षमताएँ कम हो जाती हैं-
4- नाभि को पाताल लोक भी कहा गया है और कहते हैं मृत्यु के बाद भी प्राण नाभि में छः मिनट तक रहते है-
5- यदि नाभि ठीक मध्यमा स्तर के बीच में चलती है तब स्त्रियाँ गर्भधारण योग्य होती हैं और यदि यही मध्यमा स्तर से खिसककर नीचे रीढ़ की तरफ चली जाए तो ऐसी स्त्रियाँ गर्भ धारण नहीं कर सकतीं है-
6- अकसर यदि नाभि बिलकुल नीचे रीढ़ की तरफ चली जाती है तो फैलोपियन ट्यूब नहीं खुलती और इस कारण स्त्रियाँ गर्भधारण नहीं कर सकतीं है कई वंध्या स्त्रियों पर प्रयोग कर नाभि को मध्यमा स्तर पर लाया गया तब इससे वंध्या स्त्रियाँ भी गर्भधारण योग्य हो गईं लेकिन कुछ मामलों में उपचार वर्षों से चल रहा था एवं चिकित्सकों ने यह कह दिया था कि यह गर्भधारण नहीं कर सकती किन्तु नाभि-चिकित्सा के जानकारों ने इलाज किया है-
नाभि चैक करने के तरीके-
1- सबसे पहले आप दोनों पैरों को मिलाकर सीधे खड़े हो जाएं और अब दोनों हाथों को सामने सीधा करके मिला लें तथा हथेलियों के बीच स्थित रेखाओं को आपस में मिलाकर देखें कि दोनों हाथों की छोटी उंगली समान है या छोटी-बड़ी दिखाई दे रही है और अगर वे समान है तो फिर आपकी नाभि ठीक स्थान पर है और यदि उंगलियां छोटी-बड़ी लगती हैं तो फिर इसका मतलब आपकी नाभि टली हुई है-
2- सुबह खाली पेट हाथ और पैरों को ढीला छोड़कर सीधे लेट जाएं तथा अब सीधे हाथ का अंगूठा व उसके साथ वाली दो अंगुलियों को मिलाकर पेट में नाभि स्थान पर रखें और दबाकर देखें कि नाभि स्पंदन महसूस हो रहा है या नहीं-यदि स्पंदन नाभि के ठीक बीच में है तो फिर नाभि ठीक है और अगर वो किनारे या ऊपर-नीचे है तो फिर आपकी नाभि टली है-
3- यह स्पंदन नाभि से थोड़ा हट कर महसूस होता है जिसे नाभि टलना या खिसकना कहते है यह अनुभव है कि आमतौर पर पुरुषों की नाभि बाईं ओर तथा स्त्रियों की नाभि दाईं ओर टला करती है-
4- नाभि के ऊपर या किनारे हो जाने से कब्ज होता है और नीचे की तरफ खिसकने से लूज मोशन हो जाते हैं अगर नाभि टली हो तो उसको आप बड़ी आसानी से अपने आप ठीक कर सकते हैं-
नाभि का टलना कैसे सही करे-
1- सबसे पहले आप दोनों हथेलियों को आपस में मिलाएं और हथेली के बीच की रेखा मिलने के बाद जो उंगली छोटी हो यानी कि बाएं हाथ की उंगली छोटी है तो बायीं हाथ को कोहनी से ऊपर दाएं हाथ से पकड़ लें-इसके बाद बाएं हाथ की मुट्ठि को कसकर बंद कर हाथ को झटके से कंधे की ओर लाएं आप ऐसा आठ-दस बार करें इससे नाभि सेट हो जाएगी-
2- कमर के बल लेट जाएं और पादांगुष्ठनासास्पर्शासन कर लें-इसके लिए लेटकर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर हाथों से पैर को पकड़ लें व पैर को खींचकर मुंह तक लाएं-सिर उठा लें व पैर का अंगूठा नाक से लगाने का प्रयास करें ठीक जैसे छोटा बच्चा अपना पैर का अंगूठा मुंह में डालता है-कुछ देर इस आसन में रुकें फिर दूसरे पैर से भी यही करें-फिर दोनों पैरों से एक साथ यही अभ्यास कर लें बस दो-तीन बार करने के बाद नाभि सेट हो जाएगी-
3- इसके अलावा उत्तानपादासन, मत्स्यासन, धनुरासन व चक्रासन भी नाभि सेट करने में कारगर होते हैं-
4- कमर के बल लेटकर पेट की मालिश भी की जा सकती है इसके लिए सरसों का तेल लेकर पेट पर लगाएं और नाभि स्पंदन जो ऊपर या साइड में सरक गया है उस पर अंगूठे से दबाव डालते हुए नाभि केंद में लाने का प्रयास करें-
5- दो चम्मच पिसी सौंफ, ग़ुड में मिलाकर एक सप्ताह तक रोज खाने से नाभि का अपनी जगह से खिसकना रुक जाता है-
6- मरीज को सीधा (चित्त) सुलाकर उसकी नाभि के चारों ओर सूखे आँवले का आटा बनाकर उसमें अदरक का रस मिलाकर बाँध दें एवं उसे दो घण्टे चित्त ही सुलाकर रखें आपके दिन में दो बार यह प्रयोग करने से नाभि अपने स्थान पर आ जाती है तथा दस्त आदि उपद्रव शांत हो जाते हैं-
7- नाभि खिसक जाने पर व्यक्ति को मूँगदाल की खिचड़ी के सिवाय कुछ न दें तथा दिन में एक-दो बार अदरक का 2 से 5 मिलिलीटर रस पिलाने से लाभ होता है-
8- नाभि बार बार स्थान च्युत होने से रोकने के लिए नाभि सेट करके पाँव के अंगूठों में चांदी की कड़ी भी पहिनाई जाती है-कमर पेट हमेशा कस कर बांधे जाने चाहिए-
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Upchar Aur Prayog
Agar nabhi apni jgha se hat jaye or dusri jgha bni rhe kafi dino tk......tab bhi kya sahi ho sakti h bataye gye upayo se....
जवाब देंहटाएंKripya bataye...
Dhanywad
पीयूष जी संपर्क करे-
हटाएंKAAYAKALP
Homoeopathic Clinic & Research Centre
23,Mayur Market, Thatipur, Gwalior(M.P.)-474011
Director & Chief Physician:
Dr.Satish Saxena D.H.B.
Regd.N.o.7407 (M.P.)
Mob : 09977423220(फोन करने का समय - दिन में 12 P.M से शाम 6 P.M)(WHATSUP भी यही नम्बर है)
Dr. Manish Saxena
Mob : -09826392827(फोन करने का समय-सुबह 10A.M से शाम4 P.M.)(WHATSUP भी यही नम्बर है )
Clinic-Phone - 0751-2344259 (C)
Residence Phone - 0751-2342827 (R)
Aapke dwara is site par prakashit ilaaj bahut hi kaargar hain. Thanks.
जवाब देंहटाएंSlip straight with both hand and leg.
जवाब देंहटाएंPull both leg thumb finger with help of another person with some force 2 to 3 times.
U will fill better.
Sir, 2 chammach pisi souf aur gur kab Khana hai. Please bataye.
जवाब देंहटाएंदो चम्मच सौंफ और इतना गुड़ ले कि आसानी से मिक्स हो जाए ये एक मात्रा है इसे रोज एक हफ्ते तक लेना है
हटाएंmaine roj liya tha per kuch nhi huwa sir mujhe 6 month ho gye kya abhi bhi thik ho sakti hai plzz rply
हटाएंHello sir m upto 1year se nabhi k sandarbh me paresaan hu.....ek baar running tim ......se meri nabhi apne place se disturb hogi.....n ab tk m normal ni hu.....mean body day by day weak hoti jari h मैं दुबला हाेता जा रहा हूं sare doctor ko dikha liya sab bolte u r fit... sare physical test v normal....n mne hath mila k v dekha bt fingers v same size m....., kav jb nabhi theek ho jati to normal n good lgta....bt now a days m too weak khi asa to ni nabhi रीढ़् की तरफ chali gi jisse asi problem ho ri plss give me solution m too troubled plsss
जवाब देंहटाएंM aprox 1 year se nabhi rog se paresaan hun..mne dr...se sare test kra liye n m physical m normal good hu...bt meri running tim nabhI disturb hogi th....n muj ...kafi thkaan n pet m bharipan kabj mahsuus hota h..n meri body weak hoti jarhi h ...n dono hatho ki hatheli milane par v wo normal show hori. Plss help me.....
जवाब देंहटाएंAgr kisi ki koddi bar bar dig jaye to kya krna chahjye
जवाब देंहटाएंsir kon sa hath kandhe ki taraf lekr jana h..??
जवाब देंहटाएंjisse kohni pkdi hui h ya jiski mutthi bnd ki hui h
mujhe bhi nabhi (Dharan) ki problem ho gai thi, aaj 3 din baad mein kafi swasth mahsus kar raha hu, mujhe iski wajah se bahoot problem ho rahi thi, like , 5-6 time motion , jab siting posting mein hota tha to ek ajeeb si heat nikal rahi the anal area se, maine apne doctor se 10 din tak dawai li, but kuch farak nhi pada tab doctor ne mujhe colnoscopy ke liye suggest kiya, but maine ek old experience jo ki nabhi uthate ha unse sampark kiya, unhone 2 din mein isko theek kar diya, aaj 3rd day complete hone par mujhe bahoot aaram ha aur motion ruk gaye ha anal heating bhi theek ha , agar aapko bhi same problems ho aur aap delhi mein ha to mein nehru nagar me aapko nabhi wala old men mil jayega near aata chakki,
जवाब देंहटाएंNamaste Tushhar ji, aap poora address bata sakate hai please. Which city ,road. etc
हटाएंmujhe kodi digne ki smasya hai kripya ilaj batayen
जवाब देंहटाएंsir mai lucknow ka rhne wala hu meri 3 year se naf ki problem h phle mujhe pta nai tha is bare me ab pta chla h mujhe 3 year bad to ab mai naf shi kra rha hu pr roz hat jati h naf apni jgh se mai kya kru plzz btaye
जवाब देंहटाएंtushar bhai mujhe bhi btayiye aap ki old experience ke pass gye owr kaha
जवाब देंहटाएंhlo sir
जवाब देंहटाएंसर मेरी नाभि ठीक ही नई हो रही है। मेरी नाभि ऊपर की तरफ को खिसक गयी है । कब्ज,गैस,और सिने में जकड़न रहती है। मेरे को ये प्रॉब्लम खेलते टाइम आई थी। मेरा वजन व्ही कम होता जा रहा है। सारी एक्सरसाइज करता हु फिर व् ठीक नई हो रही है। मेरे को ढंग का इलाज बताओ। मै परेशान हो गया हु। मेरे बाल भी झड़ रे अब। मेरे को ईमेल ही क्र देना जल्दी से जल्दी Arjunchoudhary648@gmail.com
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