Heart-दिल की सेहत के लिए आयुर्वेद में अनेक उपाय बताए गए हैं इनमें कुछ उपाय तो ऐसे हैं जिन्हें बड़ी आसानी अपनाकर आप अपने Heart-दिल को मजबूत बना सकते हैं आइए जानें उन खास बातों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप भी अपने दिल-Heartको तंदुरुस्त रख सकते हैं और खुशहाल जीवन जी सकते हैं-
आयुर्वेद में कहा गया है कि सूर्योदय से पहले उठने वाले को Heart Disease(हृदय रोग) नहीं होता अगर आप सुबह में 10-15 मिनट सन बाथ करते हैं तो शरीर के अंदर मौजूद कोलेस्ट्रॉल विटामिन डी में बदल जाता है सुबह में जब तक लालिमा होती है तब तक सूर्य की किरणें तीखी नहीं होती और ये हृदय(Heart)के लिए बेहद लाभकारी होती हैं इन किरणों से हमारी हड्डियां भी मजबूत होती हैं-
खासकर दिल(Heart)की सेहत के लिए नियमित रूप से हल्दी का सेवन बहुत जरूरी है आयुर्वेद में कहा गया है कि लगभग 500 मिलीग्राम हल्दी रोज खाना चाहिए- हल्दी हमारे शरीर में खून का थक्का नहीं बनने देती क्योंकि यह खून को पतला करने का काम करती है हल्दी में हल और दी है यानी समाधान देने वाली- जो हर समस्या का समाधान दे उसे हल्दी कहा गया है- इससे हमें अनेक लाभ हैं- एलोपैथिक में Heart patient(हृदय रोगी) को डिस्प्रिन देते हैं क्योंकि यह खून को पतला करती है-
गाय का दूध पीने वाले को Heart disease(हृदय रोग) नहीं होता- गाय के दूध में कैलशियम, मैगनिशियम और गोल्ड जैसे बहुत सारे सूक्ष्म पोषक पदार्थ होते हैं- इसी कारण गाय का दूध हल्का पीला होता है- गोल्ड हृदय को ताकत देने वाला होता है- आयुर्वेद में गाय के दूध को हल्का, सुपाच्य, Heart (हृदय) को बल देने वाला और बुद्धिवर्धक माना गया है- गाय के दूध और मां के दूध में काफी समानताएं हैं-
हरड़ को आयुर्वेद में पथ्य कहा जाता है इसे मां के समान बताया गया है जो हमारे शरीर की तमाम गड़बड़ियों को ठीक करती है मां की तरह ही यह शरीर की सारी गंदगी साफ कर देती है Echocardiogram के साधन नहीं हैं तो यह पहचानना मुश्किल होता है कि हार्ट अटैक है या गैसाइटिस क्योंकि दोनों में समान परेशानी दिखती है लेकिन हरड़ के नियमित सेवन से शरीर के अंदर की गंदगी साफ होती रहती है और हम बीमारियों से दूर रहते हैं-
Upcharऔर प्रयोग-
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें