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Blindness in pregnancy |
पहिले तो मुझे भी बहुत आश्चर्य हुआ किन्तु गहराई से अध्यन करने के बाद ज्ञात हुआ कि इसे एक्लेम्पिनया कहते हैं इसके कईं अन्य लक्षण भी हो सकते हैँ जैसे उच्च रक्तचाप, चवकर, उल्टियाँ आदि इसका कारण यह होता हैं कि भ्रूण की संरचना कुछ ऐसी होती हैं कि उसके शरीर में कोई ऐसी प्रोटीन बन जाती है जो माँ के शरीर की प्रोटीन से प्रतिक्रिया करने लगती है ओर जब तक भ्रूण शरीर मेँ रहता है तब तक वे लक्षण बने रहते हैं -
केवल 'नक्सवोमिका' के प्रयोग से माँ पूर्ण कालिक स्वस्थ रही और यथा समय सामान्य प्रसव के द्वारा स्वस्थ शिशु का जन्म हुआ यद्यपि यह होम्योपैथिक सिद्धन्तो के विपरीत है तथापि मैंने अनुभव किया हैं कि गर्भावस्था मेँ कभी कभी क्या देते रहने से 'माता व शिशु' स्वस्थ रहते हैँ तथा किसी प्रकार की जटिलता नहीं होती कल्केरिया फ्लोर 6x दूसरी ऐसी औषधि है जिसे गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में निरन्तर देते रहने से प्रसव के समय किसी कठिनाई का डर नहीं रहता है यह औषधि उन माताओँ के लिये वरदान ही कह सकते है जिनके प्रसव आंपरेशन के विना नही होते है -
मेरा पता-
होम्योपैथी दवा के लिए रोगी ही फोन करे ताकि लक्षण को जाना जा सके बेमतलब जानकारी मात्र के लिए डिस्टर्व न करे-
KAAYAKALP
Homoeopathic Clinic & Research Centre
23,Mayur Market, Thatipur, Gwalior(M.P.)-474011
Director & Chief Physician:
Dr.Satish Saxena D.H.B.
Regd.N.o.7407 (M.P.)
Ph : 0751-2344259 (C)
0751-2342827 (R)
Mob : 09977423220
प्रस्तुतिकरण-Upcharऔर प्रयोग-
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