Knee Vein Shrinkage
यह केस मेरे जीवन का उस समय का है जब हम होम्योपैथिक चिकित्सा जगत (Homeopathic Medical World) में प्रवेश कर ही रहे थे और उस समय मै डबरा में पदस्थ था हमारे घर के नीचे एक स्टेशन मास्टर साहब रहा करते थे उस दिन उनके घर गंगा दशहरे के कारण सत्यनारायण की कथा हो रही थी-उनके यहाँ एक अन्य स्टेशन मास्टर श्री खनूजा जी आये हुए थे जो एक पुराने और डी.एच.वी.पास डॉक्टर थे तथा फिलोसाफी और आर्गेनन पर उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी-
मैने उनसे कहा कि मेरी बेटी को बुखार आ रहा है मैने उसे नेट्रम म्यूर 30 दी है पर बुखार नहीं उतर रहा है उन्होंने कहा कि दवा तो तुमने सही दी है परन्तु 6एक्स पोटेंसी में दो-उस समय मै दवाइयां 30 या 200 की पोटेन्सी में ही रखता था तो एहसान सा जताते हुए उनने कहा कि दो-तीन खुराक तो मै दे दूंगा और लश्कर(ग्वालियर)से जाकर ले आना मैने सोचा कि दो तीन खुराक तो अभी दे ही दूँ और दवा लेने के लिए उनके घर चला गया वहां उनकी पत्नी ने सोचा कि में भी डॉक्टर हूँ सो वे अपने लड़के को लेकर मेरे पास आकर बोली कि मै इनसे कहती हूँ कि इसको दिल्ली लेकर चलो वहाँ हमारे रिश्तेदार है वे इसके पैर का आपरेशन करवा देंगें-
वह केस इस प्रकार था कि लड़के की आयु 10 वर्ष थी और उसके घुटने के उपर की तरफ एक फोड़ा हुआ था जो खिसकते-खसकते घुटने के नीचे की तरफ पोप्लीटियल फोसा में आ गया और उसने मुख्य टेंडन पर स्थित होकर उसे सिकोड़ना शुरू कर दिया यहाँ तक कि उसने पंजे को जमीन से लगभग 15 सेंटीमीटर उपर उठा दिया था चलने के लिए उसे लाठी का सहारा लेना पड़ता था खनूजा जी ने मुझसे कहा कि आप बताइये कि यह केस मेडिसिन का है या सर्जरी का-
केस तो मेरे समझ में आ गया पर सोचा अगर सर्जरी कहता हूँ तो गलत होगा और मेडिसिन का कहता हूँ तो अभी इनकी पत्नी कहेगी कि आप भी इनकी बातो में आ गए-मेरी कोई बात ही नहीं मानता फिर मन में सोचा कि किसी को खुश या नाराज होने के डर से गलत बात नहीं कहना चाहिए-मैने उनसे कहा कि केस तो मेडिसिन का ही है -
खनूजा जी ने मुझसे पूछा कि इसे क्या मेडिसिन देना चाहिए पहिले तो मैने टाल-मटोल की सोची-सोचा कि ये तो खुद ही एक पुराने डॉक्टर है मेरे जैसा नया आदमी इनको क्या सलाह दे सकता है-कहा कि मुझे किताबे देखनी पड़ेगी-उन्होंने कहा कि ये रक्खी है किताबे देख लो क्या देखना है तब मैने विश्वास के साथ स्पष्टरूप से कहा कि इस केस के लिए केवल एक ही पैथी है और वह है होम्योपैथी और होम्योपैथी (Homeopathy) में एक ही दवा है और वह दवा है "कास्टीकम"- वे माथा ठोंक कर बोले, तुम ठीक कहते हो, न जाने क्यों ये दवा मेरे दिमाग में नहीं आई उन्होंने देखा तो उनके पास "कास्टीकम 30" थी नहीं-मैने कहा कि मेरे पास जर्मनी की है मै आपको दे देता हूँ -
कुछ ही दिनों में दवा के प्रभाव से लड़के का पैर खुलने लगा और पंजा जमीन को छूने लगा था इस बीच उन्होंने एक अन्य डॉक्टर एच.सी.सक्सेना को-जिनका तकिया कलाम था 'बीस साल का तजुर्बा' दिखा दिया और उन्होंने उसे "रसटाक्स 1000" की दवा खिला दी जिसका नतीजा यह हुआ कि पैर फिर से सिकुड़ गया और अब जमीन से 25 सेंटीमीटर उपर उठ गया फिर दोनों पति-पत्नी मेरे पास आये और बच्चे के सिर पर हाथ रख कर कसम खाई कि अब वे कोई दवा नहीं देगे -
रसटाक्स को एंटीडोट कर फिर कास्टीकम दिया -धीरे-धीरे पोटेन्सी भी बढाई और अंत में पैर बिलकुल सामान्य हो गया आज वह बालक शासकीय महाविध्यालय में ला फेकल्टी में हेड आफ डिपार्टमेन्ट हैं उसने अपनी पत्नी से मेरा परिचय कराते हुए कहा कि मेरे बाप ने तो मुझे लंगड़ा कर दिया था-अंकिल जी ने ही मुझे ये टाँगे दी है मैने कहा होम्योपैथी को ही धन्यवाद दो आप मुझे नहीं -
प्रस्तुत सभी लेख और प्रयोग मेरे जीवन काल के सत्य अनुभव से जुड़े है उनका उल्लेख किया है कथा या कहानी पे आधारित नहीं है-
मेरा सम्पर्क पता-
कृपया रोगी ही फोन करे ताकि उसके लक्षण (Symptoms) को जाना जा सके केवल सिर्फ जानकारी मात्र के लिए डिस्टर्व न करे-आप यहाँ फोन कर सकते है-
KAAYAKALP
Homoeopathic Clinic & Research Centre
23-Mayur Market, Thatipur, Gwalior(M.P.)-474011
Director & Chief Physician:
Dr.Satish Saxena D.H.B.
Regd.N.o.7407 (M.P.)
Mob :- 09977423220 (फोन करने का समय-दिन में 12 P.M से शाम 6 P.M)(WHATSUP भी यही नम्बर है)
Dr. Manish Saxena
Mob :- 09826392827 (फोन करने का समय-सुबह 10A.M से शाम4 P.M.)(WHATSUP भी यही नम्बर है )
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Upchar Aur Prayog
जिस ईश्वरीय वरदान से डॉक्टर साहब इतनी खूबसूरती से अपने केस का वर्णन करते हैं ,वह अतुलनीय है। ऐसी सुंदर व्याख्या मैंने कहीं और नहीं देखी और पढी।इन्हें पढ़ कर हर कोई होम्योपैथी का दीवाना हो सकता है और होम्योपैथी में उसकी रुचि अनायास ही बढ़ सकती है ,चाहे पहले वह होम्योपैथी में विश्वास ना करता हो। डॉक्टर साहब शतायु हो और स्वस्थ रहकर मानवता की इसी प्रकार सेवा करते रहें यह मेरी कामना है और ईश्वर से प्रार्थना है।
जवाब देंहटाएंअनिल कौशिक