Sciatica Pain and Treatment
साइटिका (Sciatica) एक ऐसी बिमारी है जिसमे दर्द कमर से शुरू होता है और धीरे-धीरे टांग में होता हुआ नीचे पैर तक चला जाता है मतलब ये है कि नसों में खिचाव और दर्द सम्बन्धी समस्या को साइटिका कहा जाता है जो कूल्हों और जांघ के पिछले हिस्से में होती है यह दर्द तब शुरू होता है जब नितम्ब तंत्रिका (Sciatic Nerve) को छति पहुँचती है इसलिए इसे साइटिका का दर्द कहा जाता है-
इस रोग से पीड़ित व्यक्ति तो कई बार इतना लाचार हो जाता है कि वह उठने और बैठने के लायक भी नहीं रहता है और जरा सा हिलने मात्र से ही दर्द असह्य हो जाता है एक करंट की तरह ये लहर पूरे बदन में दौड़ जाती है-
साइटिका (Sciatica) रोग का कारण-
अनियमित जीवनशैली और उठने-बैठने के गलत तरीको के कारण ही मुख्य रूप से ये रोग होता है जिन लोगो को पहले से कमर दर्द (Lower Back Pain) या पीठ दर्द की शिकायत है उनको साइटिका होने की आशंका जादा होती है -
साइटिका नाम की नाडी कमर की पांचवी हड्डी तथा पहली सेक्रम वट्रेब्रा के बीच में से निकलकर पूरे पैर में नीचे तक जाती है अत:इस नाडी के तंतुओ के दबने से ही प्राय: ये दर्द होता है इसी कारण इसे कटिस्नायुशूल तंत्रिका दर्द या साइटिका पेन (Sciatica Pain) के नाम से जाना जाता है जब रीढ़ की हड्डी के हिस्सों की नसों में तनाव उत्पन्न होता है तो दो तरह की स्थितियां पैदा होती है-
डिस्क हर्निएशन (Disc Herniation)-
यह सबसे प्रमुख कारण है और सामान्य बोलचाल की भाषा में इसे स्लिप डिस्क (Slipped Disc) कहते है-
स्पाइनल स्टेनोसिस(Spinal Stenosis)-
बढती उम्र और दुर्घटनाओ के कारण स्पाइनल कार्ड या इससे आने वाली नाड़ियो (Nerve) में तनाव के कारण यह समस्या होती है अस्सी प्रतिशत रोगियों में इस बिमारी का कारण चोट लगना होता है तथा पीठ पर भारी बोझा उठाने से भी यह हो जाता है-
साइटिका(Sciatica)का प्रारम्भिक उपचार-
1- प्रारम्भिक अवस्था में जहाँ तक हो सके दर्द निवारक (Analgesic) दवाइयाँ बंद करके रोगी को हार्ड बेड (तख़्त) पर दो से चार सप्ताह तक सीधा लिटाये रक्खे तथा रीढ़ की हड्डी पर दसमूल काढ़े से निर्मित पिण्ड स्वेद अथवा गर्म बालू या फिर गर्म नमक से पोटली बना कर सिकाई करे तथा पैर के तलवे की मालिस नहीं करे-
2- पेट साफ़ रक्खे और कब्ज नहीं होने दे यदि किसी कारण से कब्ज हो तो कास्टर आयल (एरण्ड तेल) दूध के साथ सेवन करे इसके प्रयोग से जमा हुआ मल निष्काषित हो जाता है -
3- योगासन द्वारा इस रोग में चमत्कारिक लाभ होता है अत: मकरासन, भुजंगासन, मत्स्यासन, क्रीडासन, वायुमुद्रा और वज्रासन का अभ्यास किसी योग आचार्य से जान कर करे तथा एक्यूप्रेशर से भी साइटिका (Sciatica) रोग में राहत मिलती है-
4- वैसे इस बिमारी में विशेषज्ञ चिकित्सक से उपचार करवाने पर इससे लाभ मिल जाता है किन्तु उपेक्षा करने पर साइटिका (Sciatica) रोग अधिक पीड़ादायक एवं खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर देता है-
साइटिका (Sciatica) का आयुर्वेद उपचार-
रसोन पाक-
सामग्री-
छिलका उतारा लहसुन- एक किलो
छाछ- आवश्यकता अनुसार
दूध- आठ लीटर
देशी घी -500 ग्राम
मिश्री- 2 किलो
रास्ना- 15 ग्राम
शतावरी- 15 ग्राम
बिदारीकंद- 15 ग्राम
वायविडंग - 15 ग्राम
चित्रककीजड़- 15 ग्राम
अजवाइन- 15 ग्राम
छोटीपीपल- 15 ग्राम
सोंठ- 15 ग्राम
गिलोय- 15 ग्राम
लौंग- 15 ग्राम
सोया- 15 ग्राम
दालचीनी- 15 ग्राम
इलाइची- 15 ग्राम
तेजपत्ते - 15 ग्राम
नागकेशर- 15 ग्राम
छिले हुए लहसुन को रात भर छाछ में भिगो दे और प्रात: इनको छाछ से निकाल कर पानी से धोकर साफ़ कर ले तथा मिक्सी में पीसकर चटनी बना ले अब इसे आठ लीटर दूध में पकावें जब दूध गाढ़ा (मावा जैसा) हो जाए तब इसमें 500 ग्राम देशी घी डालकर बड़े चम्मच से हिलाते हुए सिकाई करे फिर दो किलो पिसी हुई मिश्री मिलावे और चम्मच से हिलाते हुए रबड़ी जैसा बना ले इतना हो जाने पर कढाई को आंच से नीचे उतार ले और ठंडा कर ले फिर इसमें आप शतावरी-बिदारीकंद-वायविडंग-चित्रक की जड़-अजवाइन-छोटीपीपल-सोंठ-गिलोय-लौंग-सोया-दालचीनी-इलाइची-तेजपत्ते तथा नागकेशर सभी 15-15 ग्राम को बारीक पावडर करके और छान कर इसमें मिला दे आपका रसोन पाक तैयार है-
मात्रा और सेवन विधि-
उपरोक्त पाक की 25 ग्राम मात्रा सुबह-नाश्ते के साथ तथा रात में सोते समय गर्म दूध के साथ दो माह तक सेवन करे पूर्ण बेडरेस्ट के साथ-साथ इसका प्रयोग करने से साइटिका से निश्चित रूप से छुटकारा मिल जाता है-
मषादी मोदक का प्रयोग-
सामग्री-
उडद का पिसा आटा- 500 ग्राम
खरैटी- 15 ग्राम
असगंध- 15 ग्राम
अतिबला- 15 ग्राम
पीतलबला- 15 ग्राम
रास्ना- 15 ग्राम
शतावरी- 15 ग्राम
गिलोय- 15 ग्राम
संहिजना की जड़ - 15 ग्राम
संहिजना का गोंद- 15 ग्राम
बील की जड़ की छाल - 15 ग्राम
अरणी- 15 ग्राम
छोटी कटेरी- 15 ग्राम
बड़ी कटेरी - 15 ग्राम
श्योनाक के बीज - 15 ग्राम
सोंठ - 15 ग्राम
मिश्री -750 ग्राम
देशी घी - 500 ग्राम
बनाने की विधि-
एक साफ़ कडाही में उड़द का पिसा आटा और देशी घी मिलाकर धीमी आंच पर भूने फिर थोड़े से घी में सहजने की गोंद को फुला ले तथा भूने हुए उड़द के आटे में अच्छी तरह मिक्स कर ले इसके बाद बाकी समस्त द्रव्यों का पावडर तथा मिश्री मिला ले और जो बचा घी है उसे भी अलग से गर्म करके इसमें मिला ले अब आप इसके 50-50 ग्राम वजन के लड्डू (मोदक) बनाकर एक साफ़ डिब्बे में रख ले -
मात्रा और सेवन-
एक मोदक सुबह नाश्ते के साथ तथा एक मोदक (लड्डू) रात सोने से एक घंटा पहले दूध के साथ ले-एक बात अवस्य ध्यान रक्खे दवा सेवन से पहले आपको कब्ज या गैस अफारा जैसी शिकायत न हो-आहार भी इस बीच हल्का और सुपाच्य ही लेना चाहिए-
चलिए अब आपको एक लेप से भी परिचय कराते चले जिसके इस्तेमाल में साइटिका (Sciatica) में बहुत लाभ होता है-
साइटिका (Sciatica) लेप यानि मलहम-
शुद्ध की हुई गूगल, रसौत, पुराना गुड ये सभी बराबर मात्रा में ले तथा इसमें अर्क लोबान मिलाकर घोंटे फिर इसे हल्का गर्म करके हार्ड बेड पर उल्टा लेट कर अपने किसी परिजन अथवा केयरटेकर से कमर पर लेप कराये तथा जब सूख जाए तब उतार दे इस प्रयोग को नियमित एक से डेढ़ माह तक करने से साइटिका (Sciatica) में निश्चित रूप से लाभ होता है -
आज कल स्लिप डिस्क (Slipped Disc) की तथा साइटिका पेन (Sciatica Pain) की तकलीफ आम हो रही है इसकी उपेक्षा करना ठीक नहीं है जीवन-शैली और खान-पान में संयम -सादगी अपनाए जल्द बाजी से बचे और जीवन को रोगों से सुरक्षित करे आपका जीवन आपके परिवार के लिए अनमोल है-
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किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
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Upchar Aur Prayog
mari back me 2 din se pain h or lags bhari fill ho rhi h .. 2 din hi hwe h koi ilaj
जवाब देंहटाएंसाईटिका के दर्द की ऐलोैथिक दवा बताऐं।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छा पोस्ट है ।
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