What is Weaver in Fingers
घर में काम करते वक्त सुई से कुछ सीने-पिरोने पर या फिर चाक़ू छुरी से कुछ काटने पर गलती से कट जाने पर वहां शोथ (Swelling) की विकृति होती है और शोथ पकने के बाद वहां से पस (Pus) निकलने लगता है या फिर किसी विषैले जीव-जंतु के काट लेने व डंक मारने पर भी उक्त भाग में शोथ होने पर पस बनने लगता है उँगलियों के बीच उत्पन्न सडन की विकृति को अंगुली बेस्टक भी कहते है-
वर्षा ऋतु में गंदे जल से, कीचड़ के कारण पांवो की उँगलियों के बीच अंगुली वेष्टक की विकृति बहुत देखी जाती है नाख़ून के मूल में चोट लग जाने पर शोथ (Swelling) के कारण अंगुली वेष्टक हो जाता है इसमें बहुत दर्द होता है रोगी रात को भी सो नहीं पाता है और एलोपैथी में चिकित्सक सिर्फ आपरेशन की ही सलाह देते है-लेकिन आयुर्वेद में इसका इलाज है-
अंगुली वेष्टक (Weaver in Fingers) की आयुर्वेद चिकित्सा-
1- गंधक रसायन एक या दो ग्राम की मात्रा में मंजिष्ठा क्वाथ के साथ सुबह-शाम सेवन करने से उँगलियों का शोथ नष्ट होता है-
2- रस माणिक्य 60-150 मिलीग्राम त्रिफला चूर्ण व मधु मिलाकर दिन में दो बार सेवन करने से अंगुली वेष्टक की विकृति का निवारण होता है-
3- यशद भस्म 125 ग्राम मात्रा में एक बार सुबह, एक बार शाम को मधु मिलाकर चाटने से अँगुलियों के शोथ में काफी लाभ होता है-
4- अमृतादि गुग्गल की एक या दो गोली सुबह-शाम जल से सेवन करने से अंगुली वेष्टक नष्ट हो जाता है-
5- दशांग लेप या स्वर्ण क्षीरी लेप करने से लाभ होता है-
6- जत्यादि तेल लगाने से भी बहुत लाभ होता है-
7- टंकणामृत मलहम अंगुली वेष्टक का निवारण करता है-
प्रस्तुती- Satyan Srivastava
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