Dkshinavarti Shankh Pooja on Dhanteras
धनत्रयोदशी (Dhanteras) के दिन शंख पूजा की जाए तो दरिद्रता निवारण, आर्थिक उन्नति, व्यापारिक वृद्धि और भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए तंत्र के अनुसार यह सबसे सरल और एक विशेष प्रयोग है वैसे तो शंख की किसी भी शुभ मूहूर्त में पूजा की जा सकती है लेकिन धनत्रयोदशी पर शंख का बड़ा महत्व है इस दिन दक्षिणावर्ती शंख की पूजा का एक विशेष महत्व है दक्षिणावर्ती शंख जिसके घर में रहता है और धनतेरस को इसकी पूजा अर्चना करके स्थापित किया जाता है तथा नियमित पूजा की जाती है तो उसके घर में चिर-स्थाई लक्ष्मी रहती है-
दक्षिणावर्ती शंख (Dkshinavarti Shankh) पूजा मन्त्र-
" ऊं श्रीं क्लीं ब्लूं सुदक्षिणावर्त शंखाय नम: "
सर्वप्रथम उपरोक्त मंत्र का पाठ कर लाल कपड़े पर चांदी या सोने के पत्र पर शंख को रख दें तथा आधार (पत्र) पर रखने के पूर्व चावल और गुलाब के फूल रखे और यदि आधार (भोजपत्र) न हो तो चावल और गुलाब पुष्पों (लाल रंग) के ऊपर ही शंख स्थापित कर दें इसके तत्पश्चात निम्न मंत्र का 108 बार जप करें-
मन्त्र -
"ॐ श्रीं"लाभ-
1- रात्री 10 से 12 बजे के बीच उपरोक्त मन्त्र का सवा माह पूजन करने से चिर-स्थाई लक्ष्मी प्राप्ति होती है-
2- यदि रात्री 12 बजे से 3 बजे के बीच इसी मन्त्र का सवा माह पूजन करने से यश कीर्ति प्राप्ति वृद्धि होती है-
3- ब्रम्ह-मुहूर्त 3 से 6 बजे के बीच इसी मन्त्र का सवा माह पूजन करने से संतान प्राप्ति होती है-
4- पूजा के पश्चात शंख को लाल रंग के वस्त्र मं लपेटकर तिजोरी में रख दो तो खुशहाली आती है-
5- शंख को लाल वस्त्र से ढककर व्यापारिक संस्थान में रख दें तो दिन दूनी रात चौगुनी वृद्धि और लाभ होता है-
Read More- शंख के क्या-क्या फायदे होते है
विशेष सूचना-
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Upchar Aur Prayog
बहुत ही बढ़िया जानकारी दी सर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद