Diagnosis of 38 Diseases from Bach Flower Medicine
कई पाठक का सवाल था कि बैच फ्लावर चिकित्सा क्या है जबकि वास्तविकता है कि होम्योपैथिक पाठयक्रम मे बैच फ़्लावर चिकित्सा के बारे में नही पढाया जाता है कई होम्योपैथी डॉक्टर का यह प्रश्न भी स्वभाविक और उत्सुकता का है इस संबध में कई होम्योपैथिक चिकित्सकॊ ने बैच फ़्लावर दवाओं के प्रयोग की विधि मात्रा और रीपीटीशन पर प्रश्न भी किये हैं आइये आपको कुछ जानकारी से अवगत कराती हूँ-
डा0 इडवर्ड बैच इन बैच फ़्लावर दवाओं के जनक माने जाते हैं जबकि डां0 बैच की मेडिकल यात्रा एक ऐलोपैथिक चिकित्सक से हुई थी और डाँ0 बैच ने यूनिवर्सिटी कालेज हास्पिटल, लंदन से मेडिकल की कई सारी डिग्रियाँ प्राप्त कीं थी ये आपात चिकित्साधिकारी रहे इसके बाद जीवाणु विज्ञानी भी रहे-
डा0 इडवर्ड बैच ने इसके बाद होम्योपैथिक का अध्ययन और प्रैकिटिस शुरु की थी लेकिन होम्योपैथिक पद्दति में उनका मन औषधि सेलेकशन मे आ रही कठिनाईयों के कारण उन्हें रास नही आया तब प्रकृति प्रेमी डा0 बैच का ध्यान वापस प्रकृति मे विद्धमान साधनों पर गया उनके मस्तिष्क में एक बात कुलबुला उठी कि कैसे जंगलों और पहाडॊं पर रहने वाले लोग बिना दवाई के स्वस्थ रहते हैं-
डा0 इडवर्ड बैच इस बात को जानते थे कि जंगली पक्षी या जानवर कैसे फ़ूलॊ और जडी बूटियों से ही अपने आप को स्वस्थ कर लेते हैं तथा प्रकृति मे अलग-अलग पौधे भी प्राकृतिक घटनाओं के बावजूद भी अपने आप को सुरक्षित रखते हैं और फ़लते फ़ूलते हैं डा0 इडवर्ड बैच ने छ: साल मे जंगलॊ और पहाडॊं पर घूमते हुये उन्होनें अनेक पुष्प इक्कठ्ठे किये और उन पुष्पों से 38 दवाइयाँ बनाई जिनको आज “ बैच फ़्लावर रेमेडिज “ के नाम से जाना जाता है-
डा0 इडवर्ड बैच के अनुसंधान एंव विभिन्न रोगियों के इलाज के दौरान वे इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि सभी बीमारीयों की जड में हमारी ही नकारात्मक सोच होती है यदि इन नकारत्मक सोच को यदि सकारत्मक सोच मे बदल दिया जाय तो मनुष्य शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रुप से सुखी जीवन जी सकता है डा0 इडवर्ड बैच ने अपनी रिसर्च के आधार पर मानव मात्र मे 38 नकारात्मक सोचों को को सात भागों में वर्गीकृत किया गया है-
1- डर
2- अनिश्चिता
3- वर्तमान मे अरुचि और भूत भविष्य में खोये रहना
4- अकेलापन
5- परिस्थतियों एव, दूसरे के विचारों से अत्याधिक प्रभावित होना
6- उदासी
7- अवसाद और निराशा
बैच फ़्लावर पद्दति से इलाज करते समय चिकित्सक को फ़्लावर दवाओं की मानसिक थीम को रोगी मे ढूँढना पडता है आगे हम डा0 इडवर्ड बैच द्वारा आविष्कृत फ्लावर रेमिडिज बता रहे है जिनके गुण इस प्रकार है-
मानसिक संताप (तकलीफ) या दूसरों से अपनी पीड़ा छिपाना अर्थात् जब रोगी अपनी पीड़ा दूसरों से छिपाकर अपने को हँसमुख एवं खुश दिखाने का प्रयत्न करता हो तो ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए यह औषधि उपयुक्त होती है-
वह भय जिसके कारणों की ओर-छोर का पता न हो लेकिन फिर भी रोगी हमेशा भयभीत रहता हो ऐसे रोगी के लिए इस दवा का प्रयोग किया जाता है-
रोगी में असहिष्णुता, हमेशा हर जगह व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए परेशान रहना लेकिन रोगी जब दूसरों की कठिनाइयों का अनुभव न कर और उनकी अच्छाइयों को न देखकर केवल गलतियों की ओर दृष्टि रखता हो तो यह दवा उसके लिए उपयोगी होगी-
कमजोर इच्छा शक्ति होना तथा ही तुरन्त दूसरों के प्रभाव में आ जाना जैसे लक्षण होते है जो लोग शांत और डरपोक हैं तथा जल्दी ही दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं दूसरे शब्दों में जो सदा बेगारी करने में लगे रहते हैं ये उनके लिए लाभदायक दवा है-
यह उन लोगों की दवा है जिनके पास बुद्धि है और अन्तर्बोध है तथा जिनके अपने निश्चित विचार हैं लेकिन फिर भी उन्हें अपनी क्षमता पर संदेह बना रहता है और प्राय: वे मूर्खतापूर्ण काम करते रहते हैं प्राय: एक से, दूसरे से, तीसरे से राय और मशविरा माँगते रहते हैं ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर यह दवा बहुत अच्छा काम करती है-
मानसिक नियंत्रण खोने का भय या घोर निराशा तथा स्नाययिक विकार के कारण घोर निराशा और उससे बचने के लिए आत्महत्या करने की चाह/प्रवृत्ति रखने वाले व्यक्तियों के लिए यह काफी उपयोगी औषधि है-
एक ही गलती बार-बार करना तथा ध्यान का अभाव या अपनी पिछली गलती से कुछ भी न सीखना-जिन लोगों में यह प्रवृत्ति हो उन्हें इस दवा से लाभ होगा-
आत्मानुरक्ति, स्वार्थी, अपने प्रति सहानुभूति की चाह, लोगों को अपने प्रति ध्यान आकृष्ट करने की प्रवृत्ति, दूसरों का ध्यान आकृष्ट करने तथा सहानुभूति पाने के लिए बीमारी का बहाना करना आदि लक्षण होने पर चिकोरी की आवश्यकता है-
उदासीनता, दिवास्वप्न देखना, असावधान तथा जिन लोगों की ऐसी मानसिकता हो ऐसे रोगियों के लिए क्लेमाटिस उपयुक्त औषधि है-
अपने प्रति घृणा,उदासी और निराशा हो तो यह औषधि हमारे मन या शरीर का उन रोगों से मुक्त करती है जिनके कारण हम अपने आप से घृणा करते हैं या उस अंग को काट देना चाहते हैं, जिसके कारण हमें शारीरिक या मानसिक पीड़ा होती हो यानि दूसरे शब्दों में रोगी जब दाँत के दर्द से पीड़ित होता है तो वह डॉक्टर से उस दाँत को निकाल देने के लिए कहता है और यदि फोड़े से पीड़ित है तो जल्दी आपरेशन कराकर उस फोड़े से मुक्त होना चाहता है या यदि उसे कोई चर्मरोग हो गया है जिससे वह लोगों के बीच में अपने को हीन समझता है तथा उसे लोगों से छिपाता है तो 'क्रैब एपल' के प्रयोग से उसे रोग से छुटकारा मिल सकता है-
प्राय: अपर्याप्तता का भाव, उदासी और थकान हो तो यह औषधि उनके लिए है जो अपने उत्तरदायित्व और कार्य के बोझ से अपने को प्राय: दबा हुआ महसूस करते हैं और अपेक्षित परिणाम न मिलने से उदास हो जाते हैं तथा थकान का अनुभव करते हैं-अत: यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो काफी सक्षम हैं और ऊॅंचे पदों पर कार्यरत हैं जैसे उद्योगपति, मंत्री, चिकित्सक, अध्यापक, नर्स आदि-
उदासी, निराशा, हतोत्साह, अनिश्चितता का होना-यह उन लोगों के रोग में लाभदयक है जो कठिनाइयाँ आने पर और मनोनुकूल परिणाम न होने पर जल्दी ही साहस खो दते हैं इसके कारण उनमें उदासी और निराशा घर कर जाती है-
एक निराशा से पीड़ित होना-जो लोग अपने रोग का इलाज कराते-कराते थक गए हों और रोग से मुक्त होने की आशा छोड़ चुके हों वे इस औषधि से रोग मुक्त हो सकते हैं-
आत्म-केन्द्रित होना, सदा अपनी चिन्ता करना तो यह औषधि एग्रीमीनो के बिल्कुल विपरीत है-एग्रीमोनी का रोगी अपने कष्ट की चर्चा बिल्कुल नहीं करता है जबकि हीदर का रोगी हमेशा दूसरों से अपना ही रोना रोता रहता है फिर चाहे बीमारी हो या पारिवारिक कष्ट हो या और कोई परेशानी-डाक्टर के पास अपनी बीमारी की छोटी-छोटी बातों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर विस्तार से वर्णन करता है-
घृणा, ईष्या, शक जिन लोगों के स्वभाव में ये प्रवृत्ति पायी जाती हैं तो होल्ली उनके लिए अमृत है यह उनके केवल रोग को ही नहीं बल्कि उनके मन से घृणा, इर्ष्या और शक को भी दूर करती है-
सदा बीते यादों में खोए रहना तथा इस औषधि के विषय में डाँ. एडवर्ड बाक का निष्कर्ष जानिये आप उन्हीं के शब्दों में-'' यह औषधि पिछले पश्चातापों और दुखों को मन से मिटाकर, बीते जीवन के प्रभाव, चाहतें और इच्छाओं को समाप्त कर हमें वर्तमान में लाने के लिए हैं ''
मानसिक एवं शारीरिक थकान-यह थकान मानसिक अधिक और वास्तविक(शारीरिक)कम होती है अर्थात शारीरिक थकान मानसिक थकान के कारण महसूस होती है ऐसी स्थिति में हार्नबीम मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करती हैं-
अधीरता,चिड़चिड़ापन, चरम मानसिक तनाव होना-ये लोग बहुत ही बुद्धिमान, तत्काल निर्णय लेने वाले, जल्दी-जल्दी काम करने वाले होते हैं यदि आप अपनी बात धीरे-धीरे कह रहे हों तो आपके वाक्य को वे खुद पूरा कर देते हैं तथा कोई चीज देने में जरा भी विलम्ब हो तो वे उसे आपके हाथ से झपट लेते हैं अर्थात् जरा भी विलम्ब उनके लिए बर्दाश्त से बाहर हो जाता है और उनमें चरम मानसिक तनाव पैदा करता है ऐसे लोगों की औषधि हैं 'इम्पेशेंस'
आत्मविश्वास का अभाव, असफलता से आशंकित, उदासी, हीन भावना तथा अपने आप पर और अपनी क्षमता पर विश्वास के अभाव के कारण वे कुछ भी करने का प्रयास नहीं करते है इससे उनमें हीन भावना का जन्म होता है और सदा उदास बने रहते हैं ऐसी मानसिकता वाले रोगियों के लिए लार्च बहुत ही उपयोगी है-
यह औषधि 'आस्पेन' के बिल्कुल विपरीत है आस्पेन से भय के मूल का पता नहीं होता है जबकि मिम्युलस के भय का मूल ज्ञात रहता है मिम्युलस के भय का रूप उतना भयानक नहीं होता है जितना 'रॉक रोज' का-
अज्ञात कारण से घोर उदासी होना तथा एक ऐसी उदासी, ऐसी निराशा व्यक्ति को घेर ले जिसका कोई स्पष्ट कारण न दिखाई पड़ता हो तो इस औषधि से रोगी को लाभ होगा- डाँ. बाक कहते हैं कि यह उदासी को दूर भगाती है और जीवन में खुशी लाती है-
उदासी, निराशा, लेकिन प्रयत्न करते रहना-यह दवा 'गॉर्स' के विपरीत है 'गॉर्स' का रोगी निराश होकर अपने रोगों का इलाज बंद कर देता लेकिन ओक का रोगी अपने रोग के इलाज से निराश होने के बावजूद एक के बाद दूसरे, तीसरे चिकित्सक से इलाज कराता रहता है-
पूरी थकान, चरम मानसिक और शारीरिक थकान होना यह उन लोगों की औषधि है जो लम्बे समय से चिन्ता और विषम परिस्थिति के शिकार रहे हैं या लम्बी और गम्भीर बीमारी जिनके जीवनी शक्ति को चूस ली है 'ओलिव' ऐसे रोगियों के लिए है-
प्राय: अपने पर दोषारोपण करना, आत्म-भर्त्सना करना, अपने को अपराधी/दोषी मानना इस औषधि की प्रकृति है जिन लोगों में ये प्रवृत्तियाँ पायी जायें उन्हें पाइन से अवश्य लाभ होगा-
सदा दूसरों के लिए चिन्तित एवं भयभीत रहना इसके लक्षण है इसके सम्बन्ध में डाँ. बाक लिखते हैं कि रेड चेस्टनट का भय दूसरों के लिए विशेषकर अपने प्रियजन के लिए होता है जब कोई अपना प्रियजन कहीं बाहर जाता है या उसकी खबर नहीं मिलती तो व्यक्ति भयभीत रहता है कि कहीं उसे कुछ हो न जाए तो ऐसी स्थिति में रेड चेस्टनट का प्रयोग किया जाता है-
आतंक, संत्रास, चरम सीमा पर भय होना-राक रोज का सेवन तब करना चाहिए जब कोई एक दम आतंकित हो जाए भले ही उसका स्वास्थ्य अच्छा हो या जब किसी दुर्घटनाग्रस्त होने से आतंक हो तो यह दवा प्रयोग की जाती है दुर्घटना में बाल-बाल बचने के बाद भी उसका आतंक व्यक्ति पर छाया हो रोगी के साथ दुर्घटना के कारण यदि आस-पास के लोगों में भी आतंक या भय छाया हो तो उन्हें भी यह दवा देनी चाहिए इससे वे इस आतंक से पूर्णतया मुक्त हो जाएंगे-
फ्लावर औषधियों की सूची में यही एक ऐसी औषधि है जो किसी फूल से नहीं बल्कि रॉक से निकलने वाले पानी से बनी है तथा यह 'बीच' के ठीक विपरीत है-बीच का रोगी दूसरों को अनुशासित करना चाहता है जब कि 'राक रोज' का रोगी हमेशा अपने को अनुशासित करता है-अपने उसूलों और आदर्शों के लिए समर्पित रहता है ऐसे व्यक्तियों की बीमारी में यह औषधि उपयोगी है-
अनिश्चितता, अनिर्णय, हिचक, द्विविधा, असंतुलन होना-दो चीजों में चुनाव करना कठिन हो जाता है अत: निर्णय लेने में काफी समय लग जाता है जिससे कई मौके उनके हाथ से निकल जाते हैं परिवर्तनशील मानसिक अवस्था के कारण ध्यान केन्द्रित करना कठिन होता है और कभी खुशी तो कभी उदासी, कभी उत्साहित तो कभी हतोत्साहित, कभी निराशा और कभी आशा, कभी हँसना, कभी रोना-द्वैत भाव के आदर्श जकड़न की औषधि है स्क्लेरान्थस-यह औषधि जेंशियन और मिम्युलस के साथ दी जाए तो अधिक उपयोगी सिद्ध होती है-
मानसिक या शारीरिक सदमे का दुष्परिणाम होना-डाँ. बॉक इसे 'दुख और दर्द का बेथलहम शामक और आरामदायक' कहते हैं सदमा चाहे दुर्घटना के कारण हो या अचानक दुखद समाचार से या भय अथवा महानिराशा से स्टार आफ बेथलहम सदमे से मुक्त कर देगा-
चरम मानसिक वेदना और निराशा होना-इस औषधि के विषय में डाँ. बाक लिखते हैं - 'यह उनके लिए हैं जो भयंकर, घोर मानसिक निराशा में डूबे हों, उन्हें लगता है कि आत्मा स्वयं ही निराशा को झेल रही है घोर निराशा, जब लगे कि वे सहन शक्ति की चरमसीमा पर पहुँच गये हैं ' लेकिन ये इच्छा शक्ति के धनी और बहादुर होते हैं ये चेरी प्लम के रोगियों की तरह आत्म हत्या नहीं करते है इनकी निराशा गॉर्स से भी गहरी होती है इनकी मानसिक अवस्था एग्रीमोनी से काफी अधिक गंभीर होती है-
घोर परिश्रम, तनाव, बहुत अधिक उमंग- बरबेन औषधि उनके लिए है जो घोर परिश्रम करते हैं तथा हमेशा काम के तनाव में रहते हैं तथा काम करने के लिए सदा उत्साहित रहते हैं जो अपनी इच्छाशक्ति से अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक काम करते हैं उनके रोगों में यह दवा रामबाण है-
वाइन के लोग काफी महत्वाकांक्षी होते हैं उन्हें शक्ति चाहिए, प्राधिकार चाहिए और इसे पाने के लिए बेरहमी/निष्ठुरता की किसी भी समा तक जा सकते हैं उन्हें अपने आप पर विश्वास रहता है, उन्हें लगता है कि हर चीज वे दूसरों से अच्छा जानते हैं दूसरों को वे नीची नजर से देखते हैं और हमेशा पावर के लिए चाह, दूसरों पर अपनी इच्छा थोपना, दूसरों से हमेशा आज्ञाकारिता की अपेक्षा और माँग- संक्षेप में वे तानाशाह होते हैं ऐसे लोगों को बीमारी में वाइन की आवश्यकता पड़ती है-
बालनट को इसके खोजी डाँ. एडवर्ड बाक के शब्दों में यहाँ रखती हूँ "बालनट जीवन में आगे बढ़ते चरण की औषधि है, जैसे बच्चों के दाँत निकलने के समय की परेशानियाँ, यौवन के आरम्भ के समय की कठिनाइयाँ, जीवन में परिवर्तन के समय मानसिक कठिनाइयाँ आदि"जीवन में लिए जाने वाले महत्वपूर्ण निर्णयों के समय, जैसे - धर्म परिवर्तन, पेशा परिवर्तन या एक देश छोड़कर दूसरे देश में रहने का निर्णय-यह औषधि उनके लिए है जिन्होंने अपने जीवन में महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है यह पुरानी परम्पराओं से मानसिक संबंधो को तोड़ती है पुरानी सीमाओं और प्रतिबन्धों को छोड़ने में और नये तरीके से जीने में सहायता करती है इसलिए यह किसी पुरानी बीमारी या वंशानुक्रम की बीमारी के इलाज में इस औषधि की सहायता लेना आवश्यक होता है इसके अतिरिक्त जो नशीले पदार्थों के आदी हो चुके हैं उन्हें भी उनसे मुक्ति दिलाने में यह दवा सहायक होती है-
अंहकार और एकाकीपन होना-वाटर वायलेट के रोगी सज्जन और बहुत ही सक्षम होते हैं उनमें आंतरिक शान्ति होती है इसलिए वे बड़े खुश होते हैं यदि उन पर सब कुछ छोड़ दिया जाये-वे स्वावलम्बी होते हैं और अपने रास्ते पर चलते हैं दूसरों के मामलों में न तो वे दखल देते हैं और न ही दूसरों का अपने मामले में दखल चाहते हैं वे अपने दुख और परीक्षा की घड़ियाँ खुद ही चुपचाप झेलते हैं जब बीमार होते हैं तो अकेले रहना पसंद करते हैं और नहीं चाहते कि उन्हें कोई परेशान करे वे बड़े ही प्रतिभाशाली और चतुर होते हैं तथा कठिन घड़ी में भी उनकी शांति भंग नहीं होती है इससे उनमें अहंकार उत्पन्न होता है और वे स्वयं को दूसरों से बहुत बड़ा समझने लगते हैं दूसरों का तिरस्कार करने लगते हैं उन्हें झुकाने लगते हैं ऐसी अवस्था में उन्हें मानसिक और शारीरिक तनाव की बीमारियाँ होती हैं अतएव ऐसे लोगों के लिए वाटर वायलट है-
अनावश्यक दुराग्रहपूर्ण विचार, मानसिक तक-वितर्क और वार्तालाप-वे अपने आप से तक-वितर्क करते रहते हैं-डाँ. बाक कहते हैं -ग्रामोफोन के रिकार्ड की तरह विचारों की सूई सदा घूमती रहती है ऐसे लोगों की औषधि हैं - "व्हाइट चेस्टनेट"
अनिश्चितता, निराशा, असन्तोष होना-यह उन लोगों की दवा है जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं लेकिन यह निर्णय नहीं कर पाते कि वे उसका उपयोग कैसे करें या कौन सा पेशा अपनाएँ-इस तरह जीवन में निर्णय लेने में काफी विलम्ब हो जाता है जिससे उनमें निराशा और असन्तोष घर कर जाता है यही उनकी बीमारियों का कारण बनता है ऐसी स्थिति में यह औषधि काफी गुणकारी है-
जो लोग अपनी बीमारियों, अनुकूल काम अथवा नीरस जीवन से तंग आकर उन्हें त्याग देते हैं यद्यपि वे कोई शिकायत नहीं करते है किन्तु वे स्वस्थ होने के लिए अथवा दूसरा काम खोजने का प्रयत्न नहीं करते अथवा छोटी-छोटी खुशियों का आनन्द नहीं लेते और उदास रहते हैं ऐसे लोगों की बीमारियों का इलाज वाइल्ड रोज है-
कुढ़न, कड़वाहट होना-जो हर चीज के लिए हमेशा दूसरों पर दोषारोपण करते हैं तथा अपने अन्दर कुढ़न और कड़वाहट भरे रहते हैं उनके लिए यह औषधि अमृत हैं-
उपरोक्त सभी औषधि का वर्णन करने के साथ आपको ये भी बताना चाहती हूँ कि रोगी के अंदर एक से अधिक लक्षण होने पर अन्य दवाओं का कम्बीनेशन बना कर रोगी का इलाज करने से अप्रत्यासित परिणाम देखने को मिलते है और रोगी जल्द ही स्वास्थ लाभ ले सकता है-
1- एग्रीमोनी (Agrimony)-
मानसिक संताप (तकलीफ) या दूसरों से अपनी पीड़ा छिपाना अर्थात् जब रोगी अपनी पीड़ा दूसरों से छिपाकर अपने को हँसमुख एवं खुश दिखाने का प्रयत्न करता हो तो ऐसी मानसिकता वाले व्यक्ति के लिए यह औषधि उपयुक्त होती है-
2- आस्पेन (Aspen)-
वह भय जिसके कारणों की ओर-छोर का पता न हो लेकिन फिर भी रोगी हमेशा भयभीत रहता हो ऐसे रोगी के लिए इस दवा का प्रयोग किया जाता है-
3- बीच (Beach)-
रोगी में असहिष्णुता, हमेशा हर जगह व्यवस्था और अनुशासन बनाए रखने के लिए परेशान रहना लेकिन रोगी जब दूसरों की कठिनाइयों का अनुभव न कर और उनकी अच्छाइयों को न देखकर केवल गलतियों की ओर दृष्टि रखता हो तो यह दवा उसके लिए उपयोगी होगी-
4- सेन्टौरी (Centaury)-
कमजोर इच्छा शक्ति होना तथा ही तुरन्त दूसरों के प्रभाव में आ जाना जैसे लक्षण होते है जो लोग शांत और डरपोक हैं तथा जल्दी ही दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं दूसरे शब्दों में जो सदा बेगारी करने में लगे रहते हैं ये उनके लिए लाभदायक दवा है-
5- सिराटो (Cerato)-
यह उन लोगों की दवा है जिनके पास बुद्धि है और अन्तर्बोध है तथा जिनके अपने निश्चित विचार हैं लेकिन फिर भी उन्हें अपनी क्षमता पर संदेह बना रहता है और प्राय: वे मूर्खतापूर्ण काम करते रहते हैं प्राय: एक से, दूसरे से, तीसरे से राय और मशविरा माँगते रहते हैं ऐसी मानसिकता वाले लोगों पर यह दवा बहुत अच्छा काम करती है-
6- चेरी प्लम (Cherry Plum)-
मानसिक नियंत्रण खोने का भय या घोर निराशा तथा स्नाययिक विकार के कारण घोर निराशा और उससे बचने के लिए आत्महत्या करने की चाह/प्रवृत्ति रखने वाले व्यक्तियों के लिए यह काफी उपयोगी औषधि है-
7- चेस्टनट बड (Chestnut Bud)-
एक ही गलती बार-बार करना तथा ध्यान का अभाव या अपनी पिछली गलती से कुछ भी न सीखना-जिन लोगों में यह प्रवृत्ति हो उन्हें इस दवा से लाभ होगा-
8- चिकोरी (Chicory)-
आत्मानुरक्ति, स्वार्थी, अपने प्रति सहानुभूति की चाह, लोगों को अपने प्रति ध्यान आकृष्ट करने की प्रवृत्ति, दूसरों का ध्यान आकृष्ट करने तथा सहानुभूति पाने के लिए बीमारी का बहाना करना आदि लक्षण होने पर चिकोरी की आवश्यकता है-
9- क्लेमाटिस (Clematis)-
उदासीनता, दिवास्वप्न देखना, असावधान तथा जिन लोगों की ऐसी मानसिकता हो ऐसे रोगियों के लिए क्लेमाटिस उपयुक्त औषधि है-
10- क्रैब एपल (Crab Apple)-
अपने प्रति घृणा,उदासी और निराशा हो तो यह औषधि हमारे मन या शरीर का उन रोगों से मुक्त करती है जिनके कारण हम अपने आप से घृणा करते हैं या उस अंग को काट देना चाहते हैं, जिसके कारण हमें शारीरिक या मानसिक पीड़ा होती हो यानि दूसरे शब्दों में रोगी जब दाँत के दर्द से पीड़ित होता है तो वह डॉक्टर से उस दाँत को निकाल देने के लिए कहता है और यदि फोड़े से पीड़ित है तो जल्दी आपरेशन कराकर उस फोड़े से मुक्त होना चाहता है या यदि उसे कोई चर्मरोग हो गया है जिससे वह लोगों के बीच में अपने को हीन समझता है तथा उसे लोगों से छिपाता है तो 'क्रैब एपल' के प्रयोग से उसे रोग से छुटकारा मिल सकता है-
11- एल्म (Elm)-
प्राय: अपर्याप्तता का भाव, उदासी और थकान हो तो यह औषधि उनके लिए है जो अपने उत्तरदायित्व और कार्य के बोझ से अपने को प्राय: दबा हुआ महसूस करते हैं और अपेक्षित परिणाम न मिलने से उदास हो जाते हैं तथा थकान का अनुभव करते हैं-अत: यह दवा उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो काफी सक्षम हैं और ऊॅंचे पदों पर कार्यरत हैं जैसे उद्योगपति, मंत्री, चिकित्सक, अध्यापक, नर्स आदि-
12- जेन्शियन (Gentian)-
उदासी, निराशा, हतोत्साह, अनिश्चितता का होना-यह उन लोगों के रोग में लाभदयक है जो कठिनाइयाँ आने पर और मनोनुकूल परिणाम न होने पर जल्दी ही साहस खो दते हैं इसके कारण उनमें उदासी और निराशा घर कर जाती है-
13- गॉर्स (Gorse)-
एक निराशा से पीड़ित होना-जो लोग अपने रोग का इलाज कराते-कराते थक गए हों और रोग से मुक्त होने की आशा छोड़ चुके हों वे इस औषधि से रोग मुक्त हो सकते हैं-
14- हीदर (Heather)-
आत्म-केन्द्रित होना, सदा अपनी चिन्ता करना तो यह औषधि एग्रीमीनो के बिल्कुल विपरीत है-एग्रीमोनी का रोगी अपने कष्ट की चर्चा बिल्कुल नहीं करता है जबकि हीदर का रोगी हमेशा दूसरों से अपना ही रोना रोता रहता है फिर चाहे बीमारी हो या पारिवारिक कष्ट हो या और कोई परेशानी-डाक्टर के पास अपनी बीमारी की छोटी-छोटी बातों को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर विस्तार से वर्णन करता है-
15- होल्ली (Holly)-
घृणा, ईष्या, शक जिन लोगों के स्वभाव में ये प्रवृत्ति पायी जाती हैं तो होल्ली उनके लिए अमृत है यह उनके केवल रोग को ही नहीं बल्कि उनके मन से घृणा, इर्ष्या और शक को भी दूर करती है-
16- हनीसकुल (Honeysuckle)-
सदा बीते यादों में खोए रहना तथा इस औषधि के विषय में डाँ. एडवर्ड बाक का निष्कर्ष जानिये आप उन्हीं के शब्दों में-'' यह औषधि पिछले पश्चातापों और दुखों को मन से मिटाकर, बीते जीवन के प्रभाव, चाहतें और इच्छाओं को समाप्त कर हमें वर्तमान में लाने के लिए हैं ''
17- हार्नबीम (Hornbeam)-
मानसिक एवं शारीरिक थकान-यह थकान मानसिक अधिक और वास्तविक(शारीरिक)कम होती है अर्थात शारीरिक थकान मानसिक थकान के कारण महसूस होती है ऐसी स्थिति में हार्नबीम मानसिक और शारीरिक शक्ति प्रदान करती हैं-
18- इम्पेशेंस (Impatiens)-
अधीरता,चिड़चिड़ापन, चरम मानसिक तनाव होना-ये लोग बहुत ही बुद्धिमान, तत्काल निर्णय लेने वाले, जल्दी-जल्दी काम करने वाले होते हैं यदि आप अपनी बात धीरे-धीरे कह रहे हों तो आपके वाक्य को वे खुद पूरा कर देते हैं तथा कोई चीज देने में जरा भी विलम्ब हो तो वे उसे आपके हाथ से झपट लेते हैं अर्थात् जरा भी विलम्ब उनके लिए बर्दाश्त से बाहर हो जाता है और उनमें चरम मानसिक तनाव पैदा करता है ऐसे लोगों की औषधि हैं 'इम्पेशेंस'
19-लार्च (Larch)-
आत्मविश्वास का अभाव, असफलता से आशंकित, उदासी, हीन भावना तथा अपने आप पर और अपनी क्षमता पर विश्वास के अभाव के कारण वे कुछ भी करने का प्रयास नहीं करते है इससे उनमें हीन भावना का जन्म होता है और सदा उदास बने रहते हैं ऐसी मानसिकता वाले रोगियों के लिए लार्च बहुत ही उपयोगी है-
20- मिम्युलस (Mimulus)-
यह औषधि 'आस्पेन' के बिल्कुल विपरीत है आस्पेन से भय के मूल का पता नहीं होता है जबकि मिम्युलस के भय का मूल ज्ञात रहता है मिम्युलस के भय का रूप उतना भयानक नहीं होता है जितना 'रॉक रोज' का-
21- मस्टर्ड (Mustard)-
अज्ञात कारण से घोर उदासी होना तथा एक ऐसी उदासी, ऐसी निराशा व्यक्ति को घेर ले जिसका कोई स्पष्ट कारण न दिखाई पड़ता हो तो इस औषधि से रोगी को लाभ होगा- डाँ. बाक कहते हैं कि यह उदासी को दूर भगाती है और जीवन में खुशी लाती है-
22- ओक (Oak)-
उदासी, निराशा, लेकिन प्रयत्न करते रहना-यह दवा 'गॉर्स' के विपरीत है 'गॉर्स' का रोगी निराश होकर अपने रोगों का इलाज बंद कर देता लेकिन ओक का रोगी अपने रोग के इलाज से निराश होने के बावजूद एक के बाद दूसरे, तीसरे चिकित्सक से इलाज कराता रहता है-
23- ओलिव (Olive)-
पूरी थकान, चरम मानसिक और शारीरिक थकान होना यह उन लोगों की औषधि है जो लम्बे समय से चिन्ता और विषम परिस्थिति के शिकार रहे हैं या लम्बी और गम्भीर बीमारी जिनके जीवनी शक्ति को चूस ली है 'ओलिव' ऐसे रोगियों के लिए है-
24- पाइन (Pine)-
प्राय: अपने पर दोषारोपण करना, आत्म-भर्त्सना करना, अपने को अपराधी/दोषी मानना इस औषधि की प्रकृति है जिन लोगों में ये प्रवृत्तियाँ पायी जायें उन्हें पाइन से अवश्य लाभ होगा-
25- रेड चेस्टनट (Red Chestnut)-
सदा दूसरों के लिए चिन्तित एवं भयभीत रहना इसके लक्षण है इसके सम्बन्ध में डाँ. बाक लिखते हैं कि रेड चेस्टनट का भय दूसरों के लिए विशेषकर अपने प्रियजन के लिए होता है जब कोई अपना प्रियजन कहीं बाहर जाता है या उसकी खबर नहीं मिलती तो व्यक्ति भयभीत रहता है कि कहीं उसे कुछ हो न जाए तो ऐसी स्थिति में रेड चेस्टनट का प्रयोग किया जाता है-
26- राक रोज (Rock Rose)-
आतंक, संत्रास, चरम सीमा पर भय होना-राक रोज का सेवन तब करना चाहिए जब कोई एक दम आतंकित हो जाए भले ही उसका स्वास्थ्य अच्छा हो या जब किसी दुर्घटनाग्रस्त होने से आतंक हो तो यह दवा प्रयोग की जाती है दुर्घटना में बाल-बाल बचने के बाद भी उसका आतंक व्यक्ति पर छाया हो रोगी के साथ दुर्घटना के कारण यदि आस-पास के लोगों में भी आतंक या भय छाया हो तो उन्हें भी यह दवा देनी चाहिए इससे वे इस आतंक से पूर्णतया मुक्त हो जाएंगे-
27- राक वाटर (Rock Water)-
फ्लावर औषधियों की सूची में यही एक ऐसी औषधि है जो किसी फूल से नहीं बल्कि रॉक से निकलने वाले पानी से बनी है तथा यह 'बीच' के ठीक विपरीत है-बीच का रोगी दूसरों को अनुशासित करना चाहता है जब कि 'राक रोज' का रोगी हमेशा अपने को अनुशासित करता है-अपने उसूलों और आदर्शों के लिए समर्पित रहता है ऐसे व्यक्तियों की बीमारी में यह औषधि उपयोगी है-
28- स्क्लेरान्थस (Scleranthus)-
अनिश्चितता, अनिर्णय, हिचक, द्विविधा, असंतुलन होना-दो चीजों में चुनाव करना कठिन हो जाता है अत: निर्णय लेने में काफी समय लग जाता है जिससे कई मौके उनके हाथ से निकल जाते हैं परिवर्तनशील मानसिक अवस्था के कारण ध्यान केन्द्रित करना कठिन होता है और कभी खुशी तो कभी उदासी, कभी उत्साहित तो कभी हतोत्साहित, कभी निराशा और कभी आशा, कभी हँसना, कभी रोना-द्वैत भाव के आदर्श जकड़न की औषधि है स्क्लेरान्थस-यह औषधि जेंशियन और मिम्युलस के साथ दी जाए तो अधिक उपयोगी सिद्ध होती है-
29- स्टार आफ बेथलहम (Star of Bethlehem)-
मानसिक या शारीरिक सदमे का दुष्परिणाम होना-डाँ. बॉक इसे 'दुख और दर्द का बेथलहम शामक और आरामदायक' कहते हैं सदमा चाहे दुर्घटना के कारण हो या अचानक दुखद समाचार से या भय अथवा महानिराशा से स्टार आफ बेथलहम सदमे से मुक्त कर देगा-
30- स्वीट चेस्टनेट (Sweet Chestnut)-
चरम मानसिक वेदना और निराशा होना-इस औषधि के विषय में डाँ. बाक लिखते हैं - 'यह उनके लिए हैं जो भयंकर, घोर मानसिक निराशा में डूबे हों, उन्हें लगता है कि आत्मा स्वयं ही निराशा को झेल रही है घोर निराशा, जब लगे कि वे सहन शक्ति की चरमसीमा पर पहुँच गये हैं ' लेकिन ये इच्छा शक्ति के धनी और बहादुर होते हैं ये चेरी प्लम के रोगियों की तरह आत्म हत्या नहीं करते है इनकी निराशा गॉर्स से भी गहरी होती है इनकी मानसिक अवस्था एग्रीमोनी से काफी अधिक गंभीर होती है-
31- वरवेन (Vervain)-
घोर परिश्रम, तनाव, बहुत अधिक उमंग- बरबेन औषधि उनके लिए है जो घोर परिश्रम करते हैं तथा हमेशा काम के तनाव में रहते हैं तथा काम करने के लिए सदा उत्साहित रहते हैं जो अपनी इच्छाशक्ति से अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक काम करते हैं उनके रोगों में यह दवा रामबाण है-
32- वाइन (Vine)-
वाइन के लोग काफी महत्वाकांक्षी होते हैं उन्हें शक्ति चाहिए, प्राधिकार चाहिए और इसे पाने के लिए बेरहमी/निष्ठुरता की किसी भी समा तक जा सकते हैं उन्हें अपने आप पर विश्वास रहता है, उन्हें लगता है कि हर चीज वे दूसरों से अच्छा जानते हैं दूसरों को वे नीची नजर से देखते हैं और हमेशा पावर के लिए चाह, दूसरों पर अपनी इच्छा थोपना, दूसरों से हमेशा आज्ञाकारिता की अपेक्षा और माँग- संक्षेप में वे तानाशाह होते हैं ऐसे लोगों को बीमारी में वाइन की आवश्यकता पड़ती है-
33- वालनट (Walnut)-
बालनट को इसके खोजी डाँ. एडवर्ड बाक के शब्दों में यहाँ रखती हूँ "बालनट जीवन में आगे बढ़ते चरण की औषधि है, जैसे बच्चों के दाँत निकलने के समय की परेशानियाँ, यौवन के आरम्भ के समय की कठिनाइयाँ, जीवन में परिवर्तन के समय मानसिक कठिनाइयाँ आदि"जीवन में लिए जाने वाले महत्वपूर्ण निर्णयों के समय, जैसे - धर्म परिवर्तन, पेशा परिवर्तन या एक देश छोड़कर दूसरे देश में रहने का निर्णय-यह औषधि उनके लिए है जिन्होंने अपने जीवन में महत्वपूर्ण कदम उठाने का निर्णय लिया है यह पुरानी परम्पराओं से मानसिक संबंधो को तोड़ती है पुरानी सीमाओं और प्रतिबन्धों को छोड़ने में और नये तरीके से जीने में सहायता करती है इसलिए यह किसी पुरानी बीमारी या वंशानुक्रम की बीमारी के इलाज में इस औषधि की सहायता लेना आवश्यक होता है इसके अतिरिक्त जो नशीले पदार्थों के आदी हो चुके हैं उन्हें भी उनसे मुक्ति दिलाने में यह दवा सहायक होती है-
34- वाटर वायलेट (Water Violet)-
अंहकार और एकाकीपन होना-वाटर वायलेट के रोगी सज्जन और बहुत ही सक्षम होते हैं उनमें आंतरिक शान्ति होती है इसलिए वे बड़े खुश होते हैं यदि उन पर सब कुछ छोड़ दिया जाये-वे स्वावलम्बी होते हैं और अपने रास्ते पर चलते हैं दूसरों के मामलों में न तो वे दखल देते हैं और न ही दूसरों का अपने मामले में दखल चाहते हैं वे अपने दुख और परीक्षा की घड़ियाँ खुद ही चुपचाप झेलते हैं जब बीमार होते हैं तो अकेले रहना पसंद करते हैं और नहीं चाहते कि उन्हें कोई परेशान करे वे बड़े ही प्रतिभाशाली और चतुर होते हैं तथा कठिन घड़ी में भी उनकी शांति भंग नहीं होती है इससे उनमें अहंकार उत्पन्न होता है और वे स्वयं को दूसरों से बहुत बड़ा समझने लगते हैं दूसरों का तिरस्कार करने लगते हैं उन्हें झुकाने लगते हैं ऐसी अवस्था में उन्हें मानसिक और शारीरिक तनाव की बीमारियाँ होती हैं अतएव ऐसे लोगों के लिए वाटर वायलट है-
35- व्हाइट चेस्टनट (White Chestnut)-
अनावश्यक दुराग्रहपूर्ण विचार, मानसिक तक-वितर्क और वार्तालाप-वे अपने आप से तक-वितर्क करते रहते हैं-डाँ. बाक कहते हैं -ग्रामोफोन के रिकार्ड की तरह विचारों की सूई सदा घूमती रहती है ऐसे लोगों की औषधि हैं - "व्हाइट चेस्टनेट"
36- वाइल्ड ओट (Wild Oat)-
अनिश्चितता, निराशा, असन्तोष होना-यह उन लोगों की दवा है जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं लेकिन यह निर्णय नहीं कर पाते कि वे उसका उपयोग कैसे करें या कौन सा पेशा अपनाएँ-इस तरह जीवन में निर्णय लेने में काफी विलम्ब हो जाता है जिससे उनमें निराशा और असन्तोष घर कर जाता है यही उनकी बीमारियों का कारण बनता है ऐसी स्थिति में यह औषधि काफी गुणकारी है-
37- वाइल्ड रोज (Wild Rose)-
जो लोग अपनी बीमारियों, अनुकूल काम अथवा नीरस जीवन से तंग आकर उन्हें त्याग देते हैं यद्यपि वे कोई शिकायत नहीं करते है किन्तु वे स्वस्थ होने के लिए अथवा दूसरा काम खोजने का प्रयत्न नहीं करते अथवा छोटी-छोटी खुशियों का आनन्द नहीं लेते और उदास रहते हैं ऐसे लोगों की बीमारियों का इलाज वाइल्ड रोज है-
38- विल्लो (Willo)-
कुढ़न, कड़वाहट होना-जो हर चीज के लिए हमेशा दूसरों पर दोषारोपण करते हैं तथा अपने अन्दर कुढ़न और कड़वाहट भरे रहते हैं उनके लिए यह औषधि अमृत हैं-
उपरोक्त सभी औषधि का वर्णन करने के साथ आपको ये भी बताना चाहती हूँ कि रोगी के अंदर एक से अधिक लक्षण होने पर अन्य दवाओं का कम्बीनेशन बना कर रोगी का इलाज करने से अप्रत्यासित परिणाम देखने को मिलते है और रोगी जल्द ही स्वास्थ लाभ ले सकता है-
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किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
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Chetna Kanchan Bhagat Mumbai
mam mujhe kuchh sex problem ho rahi hai kya kuchh puchh sakta hu meri November me shadi hai
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