Inspired for Suicide
आज हम एक ऐसे केस पर आपसे चर्चा कर रही हूँ जो डिप्रेशन के चलते आत्महत्या के प्रयास का है मेरी एक मित्र प्रसिद्ध NGO से जुड़ी है जो कि मानसिक हताश लोगो को काउंसलिंग और चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध करवाता है उनकी यहां काम करने वाली एक चिकित्सक का बेटा आशुतोष रांकनकर उम्र 36 वर्ष एक बड़ी बहुआन्तराष्ट्रीय कम्पनी में बड़े पद पर कार्यरत है और काम के प्रेशर के चलते स्ट्रेस ओर थकान ग्रस्त है जिसकी दो साल से दवा चल रही थी जिससे उसे पूरे दिन उनींदापन और आलस्य आता रहता था-
आज से लगभग 6 माह पूर्व जब यह केस मेरे पास आया था तब आशुतोष ने तीसरी बार आत्महत्या (Suicide) का प्रयास किया था और उसने चिठ्ठी में यह भी लिखा था कि किसी की कोई गलती नही है मै अपने जीवन से तंग आकर जीना नही चाहता हूँ-
उनके घर वाले और डॉक्टर्स यह बिलकुल भी समझ नही पा रहे थे जब कि सब कुछ अच्छा है पैसा और सक्सेस पद होते हुए भी आशुतोष के जीवन मे रस क्यो नही है और मैने जब आशुतोष से बात की तो फिर मुझे ज्ञात हुआ कि उसका डिप्रेशन दो साल के उपचार के बाद भी ठीक नही हुआ है और उसे बार-बार बिना वजह आत्महत्या के ख्याल आते रहते है पर ये बात शर्म की वजह से वो चिकित्सको को या घर वालो को बता नही पा रहा था तथा उसकी वजह से उसके घर वाले भी परेशान थे इस बात का भी उसे बड़ा दुख था-
सारे लक्षण को समझने के बाद हमने आशुतोष के दो सिम्पटम्स को मेंन सिम्पटम्स बनाकर उसे 30 दिन के लिए बेच फ्लॉवर्स कॉम्बिनेशन दिया-
आशुतोष को 20 दिन में ही काफी ताजगी और उत्साह लगने लगा और वह लम्बी छुट्टी के बाद वापस काम पर लौटा तो उसे स्टाफ से काफी अच्छे कोम्प्लिमेंट्स मिले जिससे उसका उत्साह और भी दुगना हो गया दो महीनों के कोर्स के बाद आशुतोष का डिप्रेशन भी जाता रहा और अब वह सम्पूर्ण रूप से स्वस्थ है-अगर आपके आस-पास भी इस प्रकार का कोई रोगी है तो आप बेच फ्लावर ट्रीटमेंट अवश्य आजमायें-
विशेष सूचना-
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Chetna Kanchan Bhagat Mumbai
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