Use of Garlic in Paralysis
आरोग्य के लिए लहसुन (Garlic) अत्यंत गुणकारी है और इसे हमारे प्राचीन वैध्य जनों ने अमृत समान कहा है लहसुन की उत्पत्ति ही अमृत से हुई है ऐसा कहा जाता है कि गरुड़जी जब इंद्र देवता से अमृत हरण करके ले जा रहे थे तभी उसमे से कुछ बूंदे छलक कर पृथ्वी पर आ गिरी और उसमे से लहसुन की उत्पाती हुई और वाग्भट कहते है कि-
विद्यते वायौ न द्रव्यं लशुनातपरमा
लहसुन (Garlic) वायु जन्य रोगों की महाऔषधि है लहसुन में वायु नाश करने की शक्ति है और इसी वजह से वायु रोगीयो ने लहसुन का खाने में तथा औषधीय प्रयोग अवश्य करना चाहिए लहसुन वात नाड़ियों पर प्रबल और उत्तेजक असर करता है जिससे सायटिका, पीठ दर्द, कमर दर्द, अंगों की जकड़न, हिस्टीरिया, अर्दित वायू, पक्षाघात, उरुस्तम्भ जैसे वायुजन्य रोगों में उत्तम औषध सिद्ध होता है-
पक्षाघात मे लहसुन (Garlic) के औषधीय प्रयोग-
1- लहसुन (Garlic) को कूट कर, उड़द की भिगो कर पिसी हुई दाल में मिलाकर तिल के तेल में तल कर बड़े बना ले यह बड़े मक्खन के साथ खाने से अपस्मार तथा अर्दित वायू याने फेशियल पाल्सी या मुँह टेढ़ा होना जैसे रोग मिटते है-
2- लहसुन (Garlic) की एक कली सुबह निगल ले दूसरे दिन दो और तीसरे दिन 3 ऐसे एक एक कली बढाते हुए 40 वे दिन 40 कली निगले और फिर एक एक कली कम करते हुए एक कली पर आए ऐसे 80 दिन का प्रयोग करने से लकवा रोग में काफी राहत होती है-
3- लहसुन की 5 कलियां लेकर रोज रात को पानी मे भिगोकर सुबह पीस ले और छानकर पानी पी जाए दूसरे सप्ताह रोज 7 कली ओर तीसरे सप्ताह रोज 10 कली भिगोकर यह प्रयोग करे तो तीसरे सप्ताह के बाद एक सप्ताह यह प्रयोग बंद रखे और फिर से करे यह प्रयोग करते समय मख्खन का प्रयोग बहुत जरूरी है यह प्रयोग समस्त वात रोगों का अचूक उपचार है-
4- इसी तरह आमवात, सन्धिवात, बदन दर्द, पक्षाघात जैसे रोगियों को लहसुन(Garlic)की छोटी बारीक कलियां गाय के घी में तलकर भोजन से पहले खाने से फायदा होता है-
विशेष सूचना-
सभी मेम्बर ध्यान दें कि हम अपनी नई प्रकाशित पोस्ट अपनी साइट के "उपचार और प्रयोग का संकलन" में जोड़ देते है कृपया सबसे नीचे दिए "सभी प्रकाशित पोस्ट" के पोस्टर या लिंक पर क्लिक करके नई जोड़ी गई जानकारी को सूची के सबसे ऊपर टॉप पर दिए टायटल पर क्लिक करके ब्राउज़र में खोल कर पढ़ सकते है....
किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
Chetna Kanchan Bhagat Mumbai
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें