Causes-Symptoms of Cholesterol
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) रक्त में पाया जानेवाला वसा है स्वस्थ जीवन के लिए यह बहुत ज़रूरी हैे परंतु जब रक्त में इसकी मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है तो रक्त में थक्के जम जाते हैं आपके जो हृदय के लिए घातक होता है किसी भी उम्र के स्त्री-पुरुष में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 एमजी/डीएल से कम ही रहना चाहिए-
हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) हेल्थ व जीवन दोनों के लिए ही ख़तरा व नुक़सान पहुंचा सकता है क्योंकि रक्त में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी धमनियों में अवरोध पैदा करके हार्ट प्रॉब्लम व हार्ट अटैक जैसी घातक स्थिति को जन्म देता है-
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) शरीर के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है यह कोशिकाओं की दीवारों का निर्माण करने और विभिन्न हार्मोंस को बैलेंस करने के लिए भी ज़रूरी होता है इनमें एच डी एल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल तथा एलडीएल को बुरा कोलेस्ट्रॉल कहते हैं एलडीएल को बुरा इसलिए कहते हैं क्योंकि यह कोरोनरी धमनियों में अवरोध उत्पन्न करता है जिससे रक्त संचार में बाधा होती है और हार्ट अटैक (Heart Attack) की स्थिति पैदा होती है एचडीएल कोलेस्ट्रॉल इसलिए अच्छा है क्योंकि यह धमनियों में अवरोध बनने से रोकता है-
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) होने के कारण-
1- कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने वाले आहार यानी वसायुक्त खाद्य पदार्थ का अधिक मात्रा में लगातार सेवन करना एक प्रमुख कारण है-
2- मेटाबॉलिक सिस्टम जब एलडीएल की मात्रा को पर्याप्त रूप में रक्त से बाहर नहीं कर पाता है तो रक्त में एलडीएल का स्तर बढ़ जाता है-
3- ये समस्या उस समय भी होती है जब लिवर कोलेस्ट्रॉल को अधिक मात्रा में बनाने लगता है-
4- उपरोक्त कारणों को यदि नियंत्रण में रखा जाए तो हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी और जहां तक लक्षणों की बात है तो थकान, कमज़ोरी, सांस लेने में तकलीफ़, अधिक पसीना आना, सीने में दर्द, बेचैनी-सी महसूस होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं-
कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) होने के लक्षण-
1- हाई कोलेस्ट्रॉल से ग्रस्त लोगों में कोई लक्षण तब तक दिखाई नहीं देते है जब तक कोलेस्ट्रॉल दिल व दिमाग़ की तरफ़ जानेवाली धमनियों को काफ़ी संकरा नहीं कर देता है इसके परिणाम स्वरूप सीने में दर्द होता है-
2- रक्त में कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाने से पथरी रोग, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और गुर्दे की बीमारी हो सकती है हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर ये बढ़ते-बढ़ते नसों में उतर आता है जिससे चलना-फिरना कठिन हो जाता है-
3- हार्ट अटैक, किडनी डिसऑर्डर, थायरॉयड, लकवा जैसे रोग कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से हो सकते हैं इनसे बचने के लिए दवा के साथ-साथ अपने खानपान पर ध्यान देना भी ज़रूरी है कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करके हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारियों की वजह से होने वाली अकाल मृत्यु को रोका जा सकता है-
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किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
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