How to Increase Concentration
कई लोगों के प्रश्न आते है कि हम अपनी एकाग्रता (Concentration) को कैसे बढ़ाये हमारा ध्यान नहीं लगता है काम में मन उचट जाता है मन्त्र जप में भी सफलता नहीं मिलती है मन चंचल रहता है उन सभी लोगों को बताये गए हस्त मुद्रा का अभ्यास करना चाहिए-
वैसे तो हस्त मुद्राए कई प्रकार की होती है और सभी के अलग-अलग लाभ है लेकिन यौगिक द्रष्टि से योग मुद्रा को भी एक ख़ास महत्व मिला है हालांकि तंत्र-शास्त्र में इसका अलग-महत्व है लेकिन योनी मुद्रा (Yonimudra) प्राण-वायु के लिए उत्तम मानी गई है और यह बड़ी चमत्कारिक मुद्रा है योनि हस्त-मुद्रा योग के निरंतर अभ्यास के साथ मूलबंध क्रिया भी की जाती है योनिमुद्रा को तीन तरह से किया जाता है ध्यान के लिए अलग है और सामान्य मुद्रा अलग है लेकिन हम आपसे यहां पर एकाग्रता (Concentration) के बारे में योनीमुद्रा के बारे में बात करेगें-
एकाग्रता कैसे बढ़ाये (How to Increase Concentration) -
सबसे पहले आप सुखासन की स्थिति में बैठे जाएँ फिर आप दोनों हाथों की अंगुलियों का उपयोग करते हुए सबसे पहले दोनों कनिष्ठा अंगुलियों को आपस में मिलाएं और दोनों अंगूठे के प्रथम पोर को कनिष्ठा के अंतिम पोर से स्पर्श करें इसके पश्चात् फिर कनिष्ठा अंगुलियों के नीचे दोनों मध्यमा अंगुलियों को रखते हुए उनके प्रथम पोर को आपस में मिलाएं मध्यमा अंगुलियों के नीचे अनामिका अंगुलियों को एक-दूसरे के विपरीत रखें और उनके दोनों नाखुनों को तर्जनी अंगुली के प्रथम पोर से दबाएं-
योनि मुद्रा (YoniMudraa) से लाभ-
1- योनि मुद्रा (Yonimudraa) बनाकर और पूर्व मूलबंध की स्थिति में सम्यक् भाव से स्थित होकर प्राण-अपान को मिलाने की प्रबल भावना के साथ मूलाधार स्थान पर यौगिक संयम करने से कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं-
2- आपका अंगूठा शरीर के भीतर की अग्नि तत्व को कंट्रोल करता है और तर्जनी अंगुली से वायु तत्व कंट्रोल में होता है तथा मध्यमा और अनामिका शरीर के पृथ्वी तत्व को कंट्रोल करती है तथा कनिष्ठा अंगुली से जल तत्व कंट्रोल में रहता है-
3- इसके निरंतर अभ्यास से जहां सभी तत्वों को लाभ मिलता है वहीं योनि मुद्रा (Yonimudraa) इंद्रियों पर नियंत्रण रखने की शक्ति बढ़ती है इससे मन को एकाग्रता (Concentration) करने की योग्यता का विकास भी होता है-
4- यह शरीर की नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को समाप्त कर सकारात्मक उर्जा का विकास करती है इससे हाथों की मांसपेशियों पर अच्छा खासा दबाव बनता है जिसके कारण मस्तिष्क, हृदय और फेंफड़े स्वस्थ बनते हैं और धीरे-धीरे आपका मन भी पूर्णरूप से एकाग्रता (Concentration) की ओर बढ़ता है-
विशेष सूचना-
सभी मेम्बर ध्यान दें कि हम अपनी नई प्रकाशित पोस्ट अपनी साइट के "उपचार और प्रयोग का संकलन" में जोड़ देते है कृपया सबसे नीचे दिए "सभी प्रकाशित पोस्ट" के पोस्टर या लिंक पर क्लिक करके नई जोड़ी गई जानकारी को सूची के सबसे ऊपर टॉप पर दिए टायटल पर क्लिक करके ब्राउज़र में खोल कर पढ़ सकते है....
किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
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