कोकम (Kokum) का उपयोग खटाई के तौर पर भारतीय भोजन शैली में प्राचीन काल से किया जाता है कोकम के पेड़ भारतवर्ष में केरल, कर्नाटक तथा कोकण में बहुत प्रमाण में पाए जाते हैं कोकम के फल नीले रंग की लालिमा लिए होते हैं इस फल को सुखा कर उसके छिलके का उपयोग कोकम के तौर पर किया जाता है-
कोकम (Kokum) को संस्कृत में साराम्ल नाम से जाना जाता है इंग्लिश में इसे कोकम ही कहते हैं कोकम का उपयोग करके शरबत सब्जी, दाल, करी, रसम, सांभर तथा सूप में किया जाता हैं कोकम गुजरात तथा महाराष्ट्र व दक्षिण भारतीय व्यंजनों में प्रचुरता से उपयोग किए जाने वाला पदार्थ है कोकम स्वाद में खट्टे मीठे होते हैं-
कोकम में लोहतत्व, कैल्शियम, फास्फोरस (Phosphorus), प्रोटीन, फाइबर, तथा विटामिन के (Vitamin K) प्रचुर प्रमाण में होते हैं आयुर्वेद के अनुसार कोकम रक्त पित्तशामक, दीपक, पाचक, गुणों से युक्त है कोकम के छिलके स्तम्भन कार्य करते हैं तथा कोकम के बीज से निकलने वाला तेल व्रणरोपक तथा त्वचा को स्निग्ध बनाने वाला होता है इसीलिए आजकल विदेशों में कोकम के तेल को कोकम बटर (Kokum Butter) नाम से बहुत लोकप्रियता हासिल है तथा कॉस्मेटिक में इसका उपयोग प्रचुरता से किया जा रहा है-
कोकम (Kokum) पचने में भारी, अतिसार मिटाने वाला, रुचि उत्पन्न करने वाला, अग्नि को प्रदीप्त करने वाला तथा त्वचा रोग, ग्रहणी रोग, उदरशूल, वायु जन्य रोग, ह्रदय रोग तथा कृमि को को मिटाने वाला माना गया है-महर्षि चरक कोकम को इमली से ज्यादा पौष्टिक, गुणकारी तथा पथ्य बताते हैं-
कोकम का हिम (Kokum Detox Water) कैसे बनायें-
कोकम को रात को 10 से 15 गुना पानी में 7 से 8 घंटे तक अच्छे से भिगो के रखें सुबह इसे अच्छे से मसल कर रख ले इस तरह कोकम का हिम (Kokum Detox Water) तैयार है आप इतने गुड, मिश्री या शहद मिलाकर भी पी सकते हैं आवश्यकता व स्वाद अनुसार सेंधा नमक तथा जीरा डालकर भी पी सकते हैं-
कोकम के हिम के लाभ-
1- कोकम का हिम (Kokum Detox Water) पीने से त्वचा चमकीली होती है तथा त्वचा की झुर्रियां (Wrinkles) भी कम होती है-कोकम का हिम बनाने के बाद बचे हुए कोकम को पीसकर पैर के तलवों पर लगाने से फटी एड़ियां (Cracked Heel) पैर की त्वचा का कड़ापन तथा तलवों की जलन जैसी समस्याओं में चमत्कारिक लाभ होता है-
2- कोकम का हिम पीने से शीतपित्त, त्वचा की जलन, तथा खुजली (Itching) मिटती है-
2- कोकम का हिम पीने से शीतपित्त, त्वचा की जलन, तथा खुजली (Itching) मिटती है-
3- कोकम के हिम में सेंधा नमक व जीरा डालकर पीने से अजीर्ण की समस्या मिटती है-
4- कोकम के हिम (Kokum Detox Water) में मिश्री और इलायची का चूर्ण मिलाकर पीने से पित्त संबंधित समस्याएं तथा एसिडिटी (Acidity) की समस्याएं कम होती है-
5- कोकम का हिम पीने से अतिसार (Dysentery), संग्रहणी तथा रक्तातिसार जैसी तकलीफें मिलती है-
6- शरीर पर उठने वाले शीतपित्त में कोकम का हिम पीने से तथा पानी में भिगोया हुआ कोकम का गुदा शरीर पर लगाने से लाभ मिलता है-
7- पेट में दर्द, आंव पड़ना, तथा पाचन संबंधी गड़बड़ियों में कोकम के हिम में पके हुए चावल खाने से लाभ मिलता है-
8- कोकम का हिम (Kokum Detox Water) पीने से आँतों की कार्यक्षमता बढ़ती है तथा कब्ज व पाइल्स (Piles) की समस्या कम होती है-
9- खूनी बवासीर जैसी समस्याओं में कोकम के हिम में दही मिलाकर पीने से आराम मिलता है-
10- कोकम के हिम में मिश्री मिलाकर पीने से पित्त रोग, दाह, वमन, घबराहट बेचैनी तथा अनिंद्रा (Insomania) जैसी समस्याओं में बेहद लाभ होता है-
11- कोकम संग्रहणी (Diarrhea) जैसे रोगों में बेहद हितकारी है पेट संबंधित गड़बड़ी तथा कालरा (Cholera) जैसे रोगों में इसका हीम बेहद उपयोगी माना गया है-
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