Home Remedies Pyorrhoea Manjan
पायरिया (Pyorrhoea) दांतों को लगने वाली एक गंभीर बीमारी है जो लोग दांतो की देखभाल अच्छी तरह से नहीं करते हैं उनको ये रोग बहुत जल्दी हो जाता है पहली अवस्था में मसूड़ों में हल्का शोथ होता है इसमें मसूड़ों के किनारों से पीव निकलने लगता है दूसरी अवस्था में जब ये रोग अधिक बढ़ जाता है तो दांतों की शक्ति क्षीण होने लगती है तथा मसूड़ों से पीव के साथ रक्त भी आने लगता है तीसरी अवस्था में ये रोग उग्र रूप धारण कर लेता है तथा पीव पेट में जाने लगती है और तरह-तरह के अन्य रोग भी लग जाते हैं-
पायरिया (Pyorrhoea) में तम्बाखू मंजन का प्रयोग-
सामग्री-
सादी तम्बाकू- 50 ग्राम
सेंधा नमक - 25 ग्राम
फिटकरी - 25 ग्राम
सबसे पहले आप तम्बाखू को लेकर तवे पर काला होने तक भूनें और फिर पीसकर कपडे से छान कर महीन चूर्ण कर लें तथा सेंधा नमक और फिटकरी बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और तीनों को मिलाकर तीन बार छान लें ताकि ये सभी पावडर एक साथ मिल जाएँ अब इस मिश्रण को थोड़ी मात्रा में हथेली पर रखकर इस पर नीबू के रस की पांच से छ: बूँदें टपका दें और अब इससे दाँतों व मसूढ़ों पर लगाकर हल्के-हल्के अँगुली से मालिश करें आप यह प्रयोग सुबह और रात को सोने से पहले 10 मिनट तक करके पानी से कुल्ला करके मुँह साफ कर लें-जो लोग तम्बाकू का प्रयोग नहीं करते उन्हें इसके प्रयोग में तकलीफ होगी तथा उन्हें चक्कर आ सकते हैं अत: आप सावधानी के साथ कम मात्रा में मंजन लेकर प्रयोग करें-
पायरिया (Pyorrhoea) के लिए एक अन्य प्रयोग-
सामग्री-
गंधक रसायन- 5 ग्राम
आरोग्यवर्धिनी बटी- 5 ग्राम
कसीस भस्म- 5 ग्राम
शुभ्रा (फिटकरी) भस्म- 5 ग्राम
सोना गेरू- 10 ग्राम
त्रिफला चूर्ण- 20 ग्राम (उपरोक्त ये सभी दवाए आप आयुर्वेदिक दवा खाने से ले)
उपरोक्त सभी सामग्री को आप घोंट करके मिला लीजिये तथा इस पूरी दवा की बराबर वजन की कुल आप इक्कीस पुड़िया बना लीजिये फिर सुबह-दोपहर-शाम को एक-एक पुड़िया एक कप पानी में घोल कर मुंह में भर कर जितनी देर रख सकें रखिये फिर उसे निगल लीजिये-
पायरिया से बचाव और सावधानियाँ-
1- दिन में दो बार दाँतों को सही और नियमित रूप से ब्रश करना बहुत ज़रूरी होता है तथा शरीर में मौजूद विषैले तत्वों के निकालने के लिए पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें और आप विटामिन सी युक्त फल, जैसे कि आंवला, अमरुद, अनार, और संतरे का भी सेवन भरपूर मात्रा में करें-
2- पायरिया के इलाज के दौरान रोगी को मसाले रहित उबली सब्ज़ियों का ही सेवन करें-
3- मसालेदार खान पान, जंक फ़ूड और डिब्बाबंद आहार का सेवन बिल्कुल भी न करें-
4- चीज़ और दूध के अन्य उत्पादनों का सेवन बिल्कुल भी न करें क्योंकि इनका दाँतों से चिपकने का खतरा होता है और जीवाणुओं के बढ़ने में सहायता करते हैं-
5- धूम्रपान और तम्बाकू के सेवन से भी बचें क्योंकि यह पायरिया की बीमारी को बढाते हैं-
6- पायरिया रोग से पीड़ित रोगी को कभी भी चीनी, मिठाई या डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों का उपयोग नहीं करना चाहिए-
क्या करें-
1- दिन में तीन-चार बार नीम की पत्तियां उबालकर कुल्ले करें इससे पीव कम होगी तथा पानी में पोटेशियम परमेगनेट (लाल दवा) मिलाकर कुल्ले करने से तथा नीम का तेल मसूड़ों पर लगाने और कुछ देर लार टपकाकर कुनकुने जल से कुल्ले करने से मसूड़ों में लगे जीवाणु नष्ट होते हैं-
2. हल्दी में थोड़ी भूनी हुई फिटकरी का चूर्ण मिलाकर मंजन करने से दांत साफ रहते हैं तथा मसूड़ों से खून आना बन्द हो जाता है-
3. नौसादर लेकर खूब बारीक चूर्ण बना लें तथा दांत दर्द में उंगली से दांतों पर मलने से आराम आता है दांत में खोड़ के कारण दांत दर्द हो तो लौंग के तेल में जरा सी रूई भिगोकर खोड़ में रखें इससे धीरे-धीरे कीड़ा मर जाता है और दांत की सफाई करा के आप डेंटिस से चांदी आदि से उस खोड़ को भरवा लें-
6. तुलसी के पत्तों को सुखाकर अत्यन्त बारीक चूर्ण बना लें इसमें थोड़ा सरसों का तेल मिलाकर पेस्ट बना लें तथा इसे उंगली या ब्रश से दांतों तथा मसूड़ों पर मलने से लाभ होगा यह पायरिया के लिए भी अत्यन्त उपयोगी है-
विशेष सूचना-
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किसी भी लेख को पढ़ने के बाद अपने निकटवर्ती डॉक्टर या वैद्य के परमर्श के अनुसार ही प्रयोग करें- धन्यवाद।
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