यह एक बहुउपयोगी पॉइंट है जो आंतों की तकलीफों (Gastrointestinal Discomfort) बेहोशी (Nausea) उल्टियां, पाचन संस्थान की गड़बड़ियां, स्ट्रेस, कमजोरी, थकान (Fatigue) तथा लंबी बीमारी के बाद आई क्षीणता या शक्तिहीनता जैसी समस्याओं पर बेहद उपयोगी है-
यह पॉइंट पैरों में घुटनों के बराबर नीचे हैं चित्र में दिखाए गए अनुसार नी कैप या घुटनों के हड्डी से निचली धार पर अपनी हथेली रखें नी कैप की धार से बराबर 4 उंगली नीचे यह पॉइंट स्थित है-
अंग्रेजी में इससे Leg three Miles कहां गया है टीसीएम याने ट्रेडिशनल चाइनीस मेडिसिन में इसे स्टमक मेरिडियन (Stomach Meridian) का अर्थ (Earth) पॉइंट माना गया है जो पेट की पुरानी तकलीफों में बेहद लाभदाई है यह पॉइंट sea of Nourishment यानी शरीर को पोषण देने वाला या पोषण का भंडार माना गया है-
स्टमक-36 (Stomach-36) के कार्य-
यह पॉइंट स्प्लीन तथा स्टमक चैनल में रुकी हुई उर्जा को चलायमान करता है तथा ऊर्जा की गति को सुचारू करता है यह पॉइंट आंतों की कार्य क्षमता को बढ़ाता है वायु दोष तथा नमी से शरीर में आई रुकावट को दूर करता है तथा शरीर को पोषण देने वाले रक्त की गति को सुचारु करता है यह शरीर को पोषण देने के साथ-साथ शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता (Immunity) को भी बढ़ाता है-
स्टमक 36 (Stomach-36) के उपयोग-
पेट दर्द, पेट संबंधित तकलीफें (Abdominal Distension) अजीर्ण, अपचन, उल्टियां, डायरिया (Diarrhoea) कब्ज, अतिसार, आलस्य, मिर्गी के दौरे, वायु दोष से होने वाला लकवा, पैरों में सूजन (Water Swelling), पैरों में दर्द, घुटने तथा घुटनों के नीचे हड्डियों (Tibia) का दुखना-
स्टमक 36 के अन्य उपयोग-
पेट फूलना, कालरा, पचन संस्था के जीर्ण रोग, मुंह का टेढ़ा होना (Wryness of the Mouth ), आंखों संबंधित समस्याएं, आंतों में गुड़गुड़ाहट (Rumbling Intestines) पित्त की तकलीफों से सिर भारी रहना तथा कनपटियों में दर्द रहना, मूत्र में रुकावट, पेट के निचले हिस्से या पेडू में सूजन तथा पैरों की कमजोरी में भी यह पॉइंट बेहद उपयोगी है-
शरीर पर स्टमक 36 (Stomach-36) का स्थान-
यह पॉइंट पैरों में घुटनों के बराबर नीचे हैं चित्र में दिखाए गए अनुसार नी कैप या घुटनों के हड्डी से निचली धार पर अपनी हथेली रखें नी कैप की धार से बराबर 4 उंगली नीचे यह पॉइंट स्थित है-
इसका उपयोग कैसे करें-
इस पॉइंट पर एक्यूपंक्चर की सुई से 0.5 से लेकर 1.2 कुन (Cun) की गहराई में सुई चुभोई जाती है तथा इस पॉइंट पर मोक्षीबशचन (Moxibustion) भी किया जाता है लेकिन यह चिकित्सा विशेषज्ञों के परामर्श तथा सहायता के बिना घरेलू तौर पर कतई नहीं करनी चाहिए-
घरेलू तौर पर जब आपको स्टमक 36 पॉइंट के लाभ लेने हो तो पॉइंट को पैरों में लॉकेट करके उसे अपने हाथों के अंगूठे या जिमी से नीचे की तरफ हल्के-हल्के दबाव देकर इसे सिमुलेट (Stimulate) करना चाहिए यह स्टिमुलेशन 5 से 15 सेकेंड तक के लिए करें यह क्रिया 10 बार दोहराएं जिससे स्टमक 36 अच्छे से उत्तेजित हो जाएगा-
इस पॉइंट (Stomach-36) पर आप रात को मैग्नेट (Magnets) या मटर के दाने (Seeds) पेपर टेप से चिपका सकते हैं पूरी रात इस पॉइंट पर मैग्नेट या मटर के दाने चिपकाने से पूरी रात इस पॉइंट पर हल्का दबाव बना रहता है तथा सुबह आपको तरोताजगी महसूस होती है-
स्टमक 36 एक अद्भुत पॉइंट है यह शरीर में एनर्जी ऊर्जा बढ़ाता है, पाचन को ठीक करता है पाचन संबंधित गड़बड़ियां मिटाता है, पेट को हल्का रखता है तथा थकान व कमजोरी मिटाकर शरीर को चुस्ती फुर्ती देता है-
स्ट्रेस व अवसाद को कम करके उत्साह वर्धन भी करता है इस तरह स्टमक 36 शरीर तथा मन के स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी पॉइंट है इसे आप घर में स्वयं चिकित्सा के तौर पर अपनाकर बिना खर्च स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं-
स्ट्रेस व अवसाद को कम करके उत्साह वर्धन भी करता है इस तरह स्टमक 36 शरीर तथा मन के स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी पॉइंट है इसे आप घर में स्वयं चिकित्सा के तौर पर अपनाकर बिना खर्च स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं-
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Chetna Kanchan Bhagat Mumbai
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