Yoga and Exercises for Frozen Shoulder
आजकल फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) की समस्या बेहद आम हो गए हैं पहले सिर्फ खिलाड़ी या किन्ही कारणवश चोट लगने से ही यह समस्या होती थी लेकिन आजकल बिना कुछ किए भी यह समस्या होने लगी है बेहद ही आम लगने वाली यह समस्या अतिशय कष्टसाध्य है यह रोगी को दर्द तो देती ही है लेकिन साथ-साथ असुविधा भी देती हैं जिसकी वजह से रोगी को अपने रोजमर्रा के कार्य में भी बहुत बाधा तथा कष्ट उठाने पड़ते हैं और रोगी बेजार सा महसूस करने लगता है स्त्रियों में खास करके 40 साल के बाद यह व्याधि बहुत देखने को मिलती हैं-
हारमोनल बदलाव, मीनोपॉज तथा डायबिटीज, थायरायड जैसे कारण साथ में अवसाद, डिप्रेशन जैसे कारण भी इसके पीछे हो सकते हैं इस व्याधि को अगर अनदेखा किया जाए तो यह लंबे समय तक साथ नहीं छोड़ती है कई पेशेंट ऐसे होते हैं जिनको 2-2 साल इस बीमारी से मुक्त होने में लग जाते हैं और कोई-कोई पेशेंट तो इस दर्द को जीवन का एक हिस्सा ही मान लेते हैं और इसे लापरवाही से नजर अंदाज करने लगते हैं लेकिन इसके परिणाम घातक हो सकते हैं आज हम आप से फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) के उपचार के तरीके की चर्चा करेंगे जिसमें आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर, नेचुरल थेरेपी तथा व्यायाम जैसे विषयों को तथा उनसे घर बैठे कैसे इलाज किया जाए यह बताएंगे-
हारमोनल बदलाव, मीनोपॉज तथा डायबिटीज, थायरायड जैसे कारण साथ में अवसाद, डिप्रेशन जैसे कारण भी इसके पीछे हो सकते हैं इस व्याधि को अगर अनदेखा किया जाए तो यह लंबे समय तक साथ नहीं छोड़ती है कई पेशेंट ऐसे होते हैं जिनको 2-2 साल इस बीमारी से मुक्त होने में लग जाते हैं और कोई-कोई पेशेंट तो इस दर्द को जीवन का एक हिस्सा ही मान लेते हैं और इसे लापरवाही से नजर अंदाज करने लगते हैं लेकिन इसके परिणाम घातक हो सकते हैं आज हम आप से फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) के उपचार के तरीके की चर्चा करेंगे जिसमें आयुर्वेद, एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर, नेचुरल थेरेपी तथा व्यायाम जैसे विषयों को तथा उनसे घर बैठे कैसे इलाज किया जाए यह बताएंगे-
फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) में कंधे के हड्डियों की जोड़ में कुछ कारणवश सूजन आ जाती है कंधे के जोड़ में सूजन से आने से या स्टिफनेस आ जाने से उसकी इलास्टिसिटी कम हो जाती है जिससे हाथ के हलन चलन करने से दर्द होने लगता है फ्रोजेन शोल्डर के दर्द को दाएं या बाएं जिस भी कंधे पर सूजन हो उस तरफ बहुत दर्द होता है हाथ की थोड़ी भी मूवमेंट से शूटिंग पेन यानी मुंह से आह और आंख से आंसू निकल जाए इतना तीव्र पेन या दर्द होता है-
स्थूलता, बढ़ा हुआ, वजन कंधे पर आई चोट या झटका, गलत पोश्चर, गलत तरीके से सोना, किसी कारणवश नसें दब जाना जैसे कारण भी फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) के हो सकते हैं स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में यह दर्द ज्यादा देखा गया है क्योंकि स्त्रियों को ज्यादातर गृह कार्य करना पड़ता है और फ्रोजन शोल्डर की वजह से जब उनके हाथ दर्द होने लगते हैं तब उन्हें अपने रोजमर्रा के काम करने में असुविधा मालूम पड़ती हैं फ्रोजन शोल्डर में हाथों को अंदर से टीस उठती है, जलन होती है, कभी-कभी हाथ सुन्न हो जाता है और कभी तेज दर्द भी होता है जो बहुत ही असहय होता है और रोगी को बेज़ार बनाए रखता है-
कारण-
स्थूलता, बढ़ा हुआ, वजन कंधे पर आई चोट या झटका, गलत पोश्चर, गलत तरीके से सोना, किसी कारणवश नसें दब जाना जैसे कारण भी फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) के हो सकते हैं स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में यह दर्द ज्यादा देखा गया है क्योंकि स्त्रियों को ज्यादातर गृह कार्य करना पड़ता है और फ्रोजन शोल्डर की वजह से जब उनके हाथ दर्द होने लगते हैं तब उन्हें अपने रोजमर्रा के काम करने में असुविधा मालूम पड़ती हैं फ्रोजन शोल्डर में हाथों को अंदर से टीस उठती है, जलन होती है, कभी-कभी हाथ सुन्न हो जाता है और कभी तेज दर्द भी होता है जो बहुत ही असहय होता है और रोगी को बेज़ार बनाए रखता है-
बहुत से रोगियों को कंधे से शुरू हुआ दर्द से लेकर हाथ की उंगलियों तक पहुंच जाता है जिससे हाथ में भयंकर दर्द, कंधे कोहनी तथा हाथ में सूजन, हाथ का सुन्न पड़ जाना, हाथ में करंट लग रहा हो ऐसे झटके लगना तथा हाथ का कंपन जैसी समस्याएं भी देखने को मिलती है जब दर्द हाथ कंधे से हाथ की उंगलियों की तरफ ना फैलते हुए गर्दन की तरफ चलने लगता है तब गर्दन और सर का हलन चलन असुविधाजनक व दर्द भरा हो जाता है कभी कभी गर्दन हिलाने में भी पेशेंट की चीख निकल जाती है इसके साथ कान में दर्द, चक्कर तथा सिर का भारीपन जैसी तकलीफें भी होती है-
हालांकि फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder) एक कष्टसाध्य बीमारी है और ठीक होने में लंबा समय ले सकती है लेकिन अक्सर देखा गया है कि कुछ समय बाद दरदी थक-हारकर ट्रीटमेंट लेना बंद कर देते हैं या सिर्फ दर्द निवारक गोलियां लेकर दर्द दबाने लगते हैं लेकिन यह उपचार ना होकर परिस्थिति को और भी गंभीर बना सकता है तथा शरीर को एक तरह से नुकसान भी पहुंचा सकता है-
फ्रोजन शोल्डर में व्यायाम, नैसर्गिक चिकित्सा, बेच फ्लोवर, होम्योपैथी, आयुर्वेद, सुजोक, एक्यूप्रेशर, जैसी वैकल्पिक चिकित्सा स्वयं चिकित्सा के तौर पर जरूर करनी चाहिए-
व्यायाम-
फ्रोजन शोल्डर तकलीफ कम करने तथा तकलीफ को बढ़ती हुई रोकने के लिए व्यायाम भी करना चाहिए फ्रोजन शोल्डर में चिकित्सा से भी ज्यादा व्यायाम का महत्व है व्यायाम करने से नसों को रक्त संचार मिलते रहता है, मोबिलिटी बढती है, मूवमेंट आसानी होती है तथा धीरे धीरे सूजन जकड़न दर्द कम होने लगते है-
फ्रोजन शोल्डर में बहुत सी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज तथा हैंड मूवमेंट आप आसानी से कर सकते हैं जिससे हाथों की नसें खुलती है, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, रक्त संचार सुचारू होता है तथा दर्द कम होने में व कंधे की मूवमेंट अच्छे से होने में मदद मिलती है इसके साथ साथ ही योगासन भी बहुत फायदेमंद है योगासन से कंधों को तथा बाहों को मजबूती मिलती है, सूजन कम होती हैं व फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है योगासन में शोल्डर मसल को मजबूत करने के लिए तथा दर्द को दूर करने के लिए ताड़ासन एक उत्तम आसन है जो मेरुदंड तथा कंधे की नसों को रिलेक्स करता है-
इसके साथ-साथ फ्रोजन शोल्डर के दर्द में उठने, बैठने तथा सोने के पोस्टर को अच्छा करने से नसों का दबना या कंधो पर बिन जरूरी दबाव बनना जैसी स्थिति को टाला जा सकता है जिससे दर्द व सूजन कम होने में राहत मिलती है फ्रोजन शोल्डर आसन तथा व्यायाम आप सुबह तथा शाम दो समय कर सकते हैं स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज तथा हाथों का हिलाना व पुल करना जैसी व्यायाम आप दिन में कभी भी कर सकते हैं लेकिन हाथों पर इतना ही जोर देना है जितना आप सह सके जल्दबाजी में ज्यादा जोर देने से कभी-कभी स्नायु तथा लिगामेंट हो धक्का पहुंचता है जिससे फायदा होने की जगह नुकसान ही ज्यादा हो सकता है-
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फ्रोजन शोल्डर में बहुत सी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज तथा हैंड मूवमेंट आप आसानी से कर सकते हैं जिससे हाथों की नसें खुलती है, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है, रक्त संचार सुचारू होता है तथा दर्द कम होने में व कंधे की मूवमेंट अच्छे से होने में मदद मिलती है इसके साथ साथ ही योगासन भी बहुत फायदेमंद है योगासन से कंधों को तथा बाहों को मजबूती मिलती है, सूजन कम होती हैं व फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है योगासन में शोल्डर मसल को मजबूत करने के लिए तथा दर्द को दूर करने के लिए ताड़ासन एक उत्तम आसन है जो मेरुदंड तथा कंधे की नसों को रिलेक्स करता है-
इसके साथ-साथ पादहस्तासन जो कि कंधे मेरुदंड साइटिका नर्व तथा कमर दर्द के हिस्सों में होने वाले समस्याओं में बेहद लाभकारी हैं पर्वतासन से कंधे के स्नायु टोन होते हैं, में रक्त संचार बढ़ता है तथा मेरुदंड की नसों में रक्त संचार बढ़कर कंधे में जमा हुई रुकावटें या सूजन कम होने में मदद मिलती है धनुरासन से कंधे, कूल्हे, मेरुदंड को रक्त संचार मिलने से कंधे का दर्द, अर्थराइटिस, टेनिस एल्बो, कोहनी का दर्द जैसी समस्याओं में आराम मिलता है-
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फ्रोजन शोल्डर की नेचुरोपैथी निसर्गोपचार से चिकित्सा
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