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शादी का बंधन एक सुखद बंधन है मगर आज की भागम-भाग की जिन्दगी में पति-पत्नी के बीच सबसे बड़ा मन-मुटाव का कारण है "वक्त का अभाव" घर की जिम्मेदारियां इतनी बढ़ गई है कि बड़े-बड़े शहरो में दोनों के पास इतना भी वक्त नहीं है कि एक दुसरे से बैठ कर बात कर सके-चूँकि आपस में बात-चीत का अभाव है-
आज की परिस्थितियां-
1- लोक-लाज और आवश्यकताये सभी की इतनी बढ़ गई है कि सिर्फ पति की आमदनी से घर चलाना भी बड़ा ही मुश्किल भरा काम है इसलिए आजकल की पढ़ी-लिखी महिलाओं को भी घर से बाहर जाना होता है और फिर इतनी व्यस्तता हो जाती है कि एक दूसरे से बात करने का भी समय नहीं होता है बस यही से जादातर रिश्ते के बिखरने की शुरुवात होती है-
2- आप कही अपने पार्टनर से जादा की उम्मीद तो नहीं कर रहे है .? जादा उम्मीद से पाना आपके बने-बनाये रिश्ते के लिए खतरनाक हो जाए इससे पहले आप संभल जाए तो आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है अपनी उम्मीदों पर काबू रक्खे और पार्टनर या पत्नी की छोटी-छोटी गलतियों को आप नजर अंदाज ही करे तभी ये रिश्ता मजबूत होगा क्युकि ये भी हो सकता है कि आप भी परफेक्ट न हो-मगर रिश्तो की डोर को तोडना नहीं जोड़ना है -
3- आप कम्प्रोमाइज की आदत डाले-ये जरुरी नहीं है कि आप अपने पार्टनर जो दबाव डालते है वो शत-प्रतिशत सही हो अत: लड़ाई-झगडे से कुछ हासिल नहीं होता है-आप शान्ति से रेस्ट के दिन बैठे और एक-दुसरे की समस्या को समझे और सहानुभूति से सुलझाए-अगर आपको खुद को बदलने की आवश्यकता है तो देर न करे और खुद को बदलने का सार्थक प्रयास करे-कभी भी अपनी गलती पे छमा-याचना करने वाला छोटा नहीं बनता है-बल्कि उसके पीछे भी एक सत्य है झुकने वाला व्यक्ति ही अपने अंदर के अहंकार का दमन करता है और भविष्य में वही सुखद जीवन को सार्थक ढंग से जीता है -
4- पार्टनर को भी पूरा वह अधिकार है जिसके भोगने की कल्पना आप करते है-इसलिए अच्छा होगा कि एक दिन ही सही मगर आप अवस्य ही घुमने जाए और हर छोटी बातो में भी तवज्जो दे जिससे उसे लगे कि आप को उनका पूरा ख्याल है -
5- कई बार मेल ईगो की वजह से भी रिश्तों में खटास आ जाती है अगर पति में बहुत ज्यादा ईगो है तो पत्नी को चाहिए कि वह थोड़ा शांत रहे और परिस्थितियों को नियंत्रित करने की कोशिश करे-
6- पति-पत्नी के बीच ऐसा होता है कि कभी-कभी वे एक-दूसरे की बात को स्वीकार नहीं करते-अगर आपको ये लगता है कि आप हमेशा सही होते हैं तो सबसे पहले आपको खुद को बदलने की जरूरत है-हो सकता है कि आपका पार्टनर आपके साथ लड़ाई शुरू करता हो लेकिन आपकी प्रतिक्रिया से उसे बढ़ावा भी तो मिलता है-
7- समस्या को झगडे से नहीं प्यार से सुलझाए बात घर में ही रहे घर के बाहर जाने से आपकी समस्या का समाधान तो मिलने से रहा -हाँ हंसी के पात्र बन सकते है और कभी -कभी ये घर से बाहर जाने वाली बात दूसरो को लाभ पंहुचा देती है और लोगो को कान भरने का एक बहाना मिल जाता है -
2- आप कही अपने पार्टनर से जादा की उम्मीद तो नहीं कर रहे है .? जादा उम्मीद से पाना आपके बने-बनाये रिश्ते के लिए खतरनाक हो जाए इससे पहले आप संभल जाए तो आपके लिए अच्छा साबित हो सकता है अपनी उम्मीदों पर काबू रक्खे और पार्टनर या पत्नी की छोटी-छोटी गलतियों को आप नजर अंदाज ही करे तभी ये रिश्ता मजबूत होगा क्युकि ये भी हो सकता है कि आप भी परफेक्ट न हो-मगर रिश्तो की डोर को तोडना नहीं जोड़ना है -
3- आप कम्प्रोमाइज की आदत डाले-ये जरुरी नहीं है कि आप अपने पार्टनर जो दबाव डालते है वो शत-प्रतिशत सही हो अत: लड़ाई-झगडे से कुछ हासिल नहीं होता है-आप शान्ति से रेस्ट के दिन बैठे और एक-दुसरे की समस्या को समझे और सहानुभूति से सुलझाए-अगर आपको खुद को बदलने की आवश्यकता है तो देर न करे और खुद को बदलने का सार्थक प्रयास करे-कभी भी अपनी गलती पे छमा-याचना करने वाला छोटा नहीं बनता है-बल्कि उसके पीछे भी एक सत्य है झुकने वाला व्यक्ति ही अपने अंदर के अहंकार का दमन करता है और भविष्य में वही सुखद जीवन को सार्थक ढंग से जीता है -
4- पार्टनर को भी पूरा वह अधिकार है जिसके भोगने की कल्पना आप करते है-इसलिए अच्छा होगा कि एक दिन ही सही मगर आप अवस्य ही घुमने जाए और हर छोटी बातो में भी तवज्जो दे जिससे उसे लगे कि आप को उनका पूरा ख्याल है -
5- कई बार मेल ईगो की वजह से भी रिश्तों में खटास आ जाती है अगर पति में बहुत ज्यादा ईगो है तो पत्नी को चाहिए कि वह थोड़ा शांत रहे और परिस्थितियों को नियंत्रित करने की कोशिश करे-
6- पति-पत्नी के बीच ऐसा होता है कि कभी-कभी वे एक-दूसरे की बात को स्वीकार नहीं करते-अगर आपको ये लगता है कि आप हमेशा सही होते हैं तो सबसे पहले आपको खुद को बदलने की जरूरत है-हो सकता है कि आपका पार्टनर आपके साथ लड़ाई शुरू करता हो लेकिन आपकी प्रतिक्रिया से उसे बढ़ावा भी तो मिलता है-
7- समस्या को झगडे से नहीं प्यार से सुलझाए बात घर में ही रहे घर के बाहर जाने से आपकी समस्या का समाधान तो मिलने से रहा -हाँ हंसी के पात्र बन सकते है और कभी -कभी ये घर से बाहर जाने वाली बात दूसरो को लाभ पंहुचा देती है और लोगो को कान भरने का एक बहाना मिल जाता है -
एक उपाय कर लें-
आप जब भी आटा पिसवाये तो एक बात का विशेष ध्यान रक्खे कि सोमवार या शनिवार का दिन हो और गेहूं पिसवाते वक्त उसमे सौ ग्राम काले चने अवस्य डाल के पिसवाये परिणाम आपको दिखेगा-धीरे-धीरे आपका मनमुटाव ख़त्म होने लगेगा-
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