मेथी के लड्डू (Methi ke Laddu)-
मेथी के लड्डू (Methi ke Laddu) सर्दी में खाये जाने वाले पोष्टिक नाश्ते में से एक है। यह मेथी दाना से बनाया जाता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व मेथी शरीर के लिए एक अच्छी औषिधि के रूप में काम करके हमें कई तरह की बीमारियों से निजात दिलाते है। विशेषकर यह जोड़ों (Joints) के लिए यह बहुत फायदेमंद है। चूँकि मेथी की तासीर गर्म होती है सर्दियों के मौसम में होने वाले कमर के दर्द, जोड़ो के दर्द से छुटकारा पाने के लिए मेथी के लड्डू काफी प्रभावकारी साबित होते है। इसलिए इसे सर्दी के मौसम में खाना चाहिए।
मेथी के गुण (Properties of Fenugreek)-
1- सुबह-सुबह मेथी के लड्डू (Methi ke Laddu) खाने से ब्लड-शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है तथा यह आपको पूरे दिन के लिए एनर्जी से भरपूर बना देता है।
2- मेथी के लड्डू (Methi ke Laddu) मेथी से बना होने के कारण सोल्युबल फाइबर का स्रोत होता है। इसलिए यह ब्लड में शुगर के सोखने के प्रक्रिया को कम करता है। मेथी में एमिनो एसिड भी होता है। जो इन्सुलिन (Insulin) के उत्पादन को बढ़ाकर डाइबीटिज को कंट्रोल करने में मदद करता है।
3- लड्डू में चीनी होने के कारण जिन लोगो डाइबीटिज (Diabetes) बहुत होता है। वे इस लड्डू को न खायें लेकिन जिन लोगों का डाइबीटिज कंट्रोल में है। वह दिन में एक लड्डू खा सकते हैं। जिन लोगों का डाइबीटिज अनकंट्रोल्ड है और जो गर्भवती महिलाएं है वे भी इस मेथी के लड्डू (Methi ke Laddu) को न खायें। जिन लोगों को अनकंट्रोल्ड डाइबीटिज है वे लोग भिगोया हुआ मेथी ले सकते हैं।
4- ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) वाली महिलायें दिन एक या दो लड्डू ले सकती है। इससे स्तन में दूध की मात्रा बढ़ती है।
5- मेथी के लड्डू के इसके अलावा अन्य फायदे भी है ये हृदय रोग (Heart Disease) के खतरे को भी कम करता है तथा वज़न को भी कम करता है।
6- शिशु के जन्म के समय के प्रक्रिया में महिलाओं की मदद करता है। आपको हजम और कब्ज़ से राहत भी दिलाता है तथा घाव, मुँहासे और रैशेज़ जैसे स्किन प्रोबलेम्स से राहत दिलाता है। कैंसर होने के संभावना को कम करता है और बालों का झड़ना कम करता है।
मेथी के लड्डू कैसे बनायें (How to make Methi ke Laddu)-
सामग्री-
मेथी दाना- 100 ग्राम
गेंहू का मोटा आटा- 350 ग्राम
देसी घी- 250 ग्राम
गोंद (खाने वाला)- 100 ग्राम
नारियल गोला- 1 नग (मीडियम साइज़)
दूध- 2 कप
बादाम- 100 ग्राम
सोंठ- 20 ग्राम
काली मिर्च- 20 ग्राम
पीपलामूल- 10 ग्राम
असली दालचीनी- 20 ग्राम
पीपल- 5 -6 पीस
खरबूज के बीज- 20 ग्राम
बूरा- 200 ग्राम
गुड़- 200 ग्राम
मेथी के लडडू बनाने की विधि (Method of making Methi ke Laddu)-
सबसे पहले आप मेथी दाना को पानी से धोकर एक सूती कपड़े पर फैलाकर सूखा ले। सूखने के बाद मेथी को को दरदरा सूजी जैसा पीस ले। इसे बहुत बारीक ना पीसें। अब आप दूध को उबाल कर उसे ठण्डा कर ले। एक बर्तन में दो कप दूध व आधा कप घी अच्छी तरह आपस में मिक्स कर दे और इसमें मोटी पिसी मेथी डालकर पांच-छ घण्टे के लिए भीगने के लिए रख दे। पांच-छ घण्टे बाद मेथी दूध को सोख लेगी। इसके बाद आप मेथी को हाथ से हल्का-हल्का मसल ले। अब इस तरह मेथी तैयार हो गयी है।
अब आप नारियल को कददूकस से कस कर रख ले तथा बादाम को भी काट लें। सोंठ , पीपलामूल , पीपल , दालचीनी इन सभी को आप बारीक पीस लें। फिर कढ़ाई में एक कप घी लेकर गर्म करे। अब एकदम धीमी आँच पर काली मिर्च को हिलाते हुए हल्का सा तल कर निकाल लें। ध्यान दें कि काली मिर्च गर्म घी में डालने पर ऊपर आ जाती है तब इसे तैयार समझें। कालीमिर्च को ठंडा होने दे और ठंडे होने के बाद काली मिर्च को मोटा मोटा पीस ले। इसी बचे हुए घी में गोंद डालकर धीमी आँच पर तल ले तथा ठंडा होने पर गोंद को बेलन से दबा कर पीस ले।
अब कढ़ाई में बचा हुआ घी डाल कर गर्म करे व मोटा गेंहू का आटा डालकर घी में धीमी-धीमी आँच पर हिलाते हुए भूरा होने तक सेकें। जब आटा सुनहरा भूरा सिक जाये तो इसमें तैयार की गयी मेथी डाल कर चार-पांच मिनिट सेक कर आंचबंद कर दें।
अब आप एक दूसरी कढ़ाई में एक चम्मच घी डालकर उसमे बारीक़ कटा गुड़ डालकर पिघलाकर चाशनी बना लें। गुड़ पिघलने के बाद एक दो उबाल आने पर चाशनी तैयार हो जाती है। इस गुड़ की चाशनी को आटे व मेथी के मिश्रण में डाल कर मिला लें। अब इसमें बादाम, खरबूज के बीज, कसा हुआ नारियल, गोंद, सोंठ आदि का पिसा मिश्रण, काली मिर्च व बूरा डाल कर अच्छे से मिक्स कर दें। थोड़ा ठंडा होने पर हाथ पर घी लगा कर आप लडडू बना ले।
नोट-
मेथी को बहुत बारीक़ नहीं पीसना चाहिए। गोंद को ध्यान पूवर्क तलना चाहिए ये जलना नहीं चाहिए। गुड़ ज्यादा उबलने पर लडडू कड़क हो सकते है लड्डू बनाने के बाद दो से तीन घण्टे के लिए खुले ही रखे उसके बाद ही कंटेनर में रखें।
मेथी के लड्डू खाने का तरीका (Method of eating Methi ke Laddu)-
यह एक आयुर्वेदिक नाश्ता है इसका पूरा लाभ तभी मिलता है जब इसे सही तरीके से खाया जाता है। इसके कुछ परहेज करने से अधिक फायदा होता है। इन्हें सुबह जल्दी खा लेना चाहिए। इसके ऊपर गुनगुना दूध जरूर पीना चाहिए। इसे खाने के तीन घंटे बाद ही भोजन करें ताकि तब तक ये पूरी तरह पच जाएँ। जब तक लडडू खा रहे हैं तब तक खटाई जैसे नींबू , अमचूर , इमली , टाटरी आदि बिलकुल भी ना लें।
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