अमृत धारा लाभ (Amrit Dhara Benefits)-
अमृत धारा (Amrit Dhara) घर में एक वरदान स्वरूप है। अमृत धारा अनेक बीमारियों की एक अनुभूत दवा है। इसके प्रयोग से रोगी को एक दम राहत मिलती है। इसके प्रयोग से कई रोगों का प्रारंभिक उपचार हो जाता है। पुराने जमाने के लोग आज भी इसके बारे में अधिक भली-भांत जानते है। पहले के जमाने में अमृतधारा बहुत प्रचलित औषधि थी।
Amrit Dhara Benefits
Amrit Dhara ka Upyog
अमृत धारा (Amrit Dhara) बनाने की विधि बहुत ही आसान है। इसे आप घर पे बना कर रक्खे और जरुरत पे काम ले सकते है। आइये आपको इसको बनाने की विधि और उपयोग दोनों के बारे में आज बताते है।
सामग्री-
देशी कपूर- 10 ग्राम
अजवाइन के फूल- 10 ग्राम
पोदीना के फूल- 10 ग्राम
उपर दी गई सभी तीनो सामग्री को एक साफ़ शीशी में डाल दे। कुछ देर बाद ये लिक्विड में परिवर्तित हो जाएगा। बस यही है आपके काम की चीज अमृत धारा (Amrit Dhara) जिसका प्रयोग आवश्यकता अनुसार प्रयोग कर सकते है।
अमृत धारा का उपयोग (Amrit Dhara ka Upyog)-
1- चार-पांच बूंद अमृत धारा (Amrit Dhara) ठन्डे पानी में डालकर सुबह-शाम कुछ दिन पीने से श्वास, खांसी, दमा और क्षय रोग में फायदा होता है।
2- दांत-दाढ के दर्द पर अमृत धारा (Amrit Dhara) का फोया रखकर दबाये कुछ मिनटों में ही आराम आ जाता है।
3- हैजा में एक चम्मच प्याज के रस में दो बूंद अमृत धारा डालकर सेवन करे।
4- भोजन के बाद दोनों समय दो-तीन बूँद अमृत धारा (Amrit Dhara) ठंडे पानी में मिलाकर पीने से मन्दाग्नि, अजीर्ण, बादी, बदहजमी एवं गैस ठीक हो जाती है।
5- 10 ग्राम गाय के मक्खन और 5 ग्राम शहद में 3 बूँद अमृतधारा मिलाकर प्रतिदिन खाने से शरीर की कमजोरी में लाभ होता है।
6- पेट दर्द में दो बूँद अमृत धारा (Amrit Dhara) बताशे में डालकर खाने से लाभ होता है।
7- दिल के रोग में आँवले के मुरब्बे में तीन-चार बूँद अमृत धारा (Amrit Dhara) डालकर खाने से लाभ होता है।
8- बदहजमी, पेटदर्द, दस्त, उल्टी में तीन-चार बूंद थोड़े पानी में अमृत धारा मिलाकर सेवन करें ।
9- छाती के दर्द में मीठे (तिल) तेल में अमृतधारा मिलाकर मलने से ठीक हो जाता है।
10- सिरदर्द में दो बूँद सिर, माथे और कान के आस पास मलें।
11- दस ग्राम वैसलीन में चार बूँद अमृत धारा (Amrit Dhara) मिलाकर, शरीर के हर तरह के दर्द पर मालिश करने से दर्द में लाभ होता है। फटी बिवाई और फटे होंठों पर लगाने से दर्द ठीक हो जाता है तथा फटी चमड़ी जुड़ जाती है।
12- 10 ग्राम नीम के तेल में 5 बूँद अमृत धारा (Amrit Dhara) मिलाकर मालिश करने से हर तरह की खुजली में लाभ होता है।
13- हिचकी में 1-2 बूँद अमृतधारा जीभ में रखकर मुँह बंद करके सूँघने से 4 मिनट में ही लाभ होता है।
14- ततैया, बिच्छू, भौरा या मधुमक्खी के काटने के स्थान पर अमृत धारा (Amrit Dhara) मलने लाभ होता है।
नोट-
जो लोग इसे नहीं बनाना चाहते है तो आप इसे बाजार से भी लाकर घर में रख सकते है इसी नाम से आपको मेडिकल स्टोर से मिल जायेगी।
जो लोग इसे नहीं बनाना चाहते है तो आप इसे बाजार से भी लाकर घर में रख सकते है इसी नाम से आपको मेडिकल स्टोर से मिल जायेगी।
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