भांग के अदभुत प्रयोग (Amazing uses of Cannabis)-
भांग (Cannabis) यानी विजया का उल्लेख अथवर्वेद तथा कौशिक सूत्र में भी मिलता है। कत्यायन ऋषि ने भी इसका उल्लेख किया है। इससे ज्ञात होता है भांग के बारे में प्राचीन काल में भी जानकारी थी। भांग के पौधे पर फूल और फल शरद ऋतु में लगती है। पौधे पर लगने वाले नये पत्ते और फूल तथा फलो से युक्त कोमल शाखाओं को भांग कहा जाता है।
भांग (Cannabis) के मादा पौधों के पुष्पित शिखर जब मंजरी से भर जाते है तब उन्हें तोडकर सुखा लेते है। यह गांजा (Hemp) होता है। यह तम्बाखू की तरह पिया जाता है। नशेबाज लोग तम्बाखू के साथ मिलाकर चिलम में रखकर गांजे का दम लगाते है। गांजे में विशेषता यह होती है कि मसलने पर इसका नशीला प्रभाव बढ़ता है।
भांग के पौधे के वायु में रहने वाले सभी भागों में उत्पन्न होने वाले एक रेजिन निस्यंद को जिसमे विषैले तेल की अधिक मात्रा होती है 'चरस' कहलाता है। अब इसके परिचय के बाद हम आपको कुछ आयुर्वेदिक (Ayurvedic) प्रयोग बता रहे है जो कि लाभदायक प्रयोग है।
भांग का आयु वर्धक प्रयोग (Aayu-Vardhak Prayog)-
भांग के पंचांग का चूर्ण- 340 ग्राम
मिश्री- 280 ग्राम
घी- 70 ग्राम
शहद- 140 ग्राम
भांग (Cannabis) और मिश्री के चूर्ण को आपस में मिला कर घी और शहद में मिलाकर रख दे। नित्य प्रति दिन अपने बल के अनुसार इसकी मात्रा को दूध के साथ 120 दिन तक सेवन करे। इसके प्रयोग से व्यक्ति दीर्घायु प्राप्त करता है वृधावस्था के लिए विशेष लाभकारी योग है।
बाजीकरण (स्तम्भन) शक्ति प्रयोग (Vaji Karan)-
शुद्ध भांग- 640 ग्राम
शक्कर- 320 ग्राम
गाय का घी- 250 ग्राम
शहद- 120 ग्राम
शुद्ध की गई भांग को कूट-पीस कर चूर्ण बनाए और उसमे बाकी सभी चीजो को मिला दे। अब ये माजून तैयार है। आप इसमें से 10 ग्राम की मात्रा सम्भोग से आधे घंटे पहले दूध से ले। ये आपकी स्तम्भन शक्ति को बढाता है।
कमजोरी के लिए उपयोग करें (Use for Weakness)-
शुद्ध भांग- 30 ग्राम
असगंध- 30 ग्राम
बिदारीकंद- 30 ग्राम
ईसबगोल की भूसी- 30 ग्राम
मिश्री- 30 ग्राम
उपरोक्त सभी सामग्री को महीन कूट-पीस ले। गर्मी के सीजन में इस चूर्ण 3 ग्राम की मात्रा में लेकर आंवले के मुरब्बे के साथ अथवा घी-शक्कर व काली मिर्च के चूर्ण के साथ लेकर गर्म दूध से सेवन करे। सर्दी में इसे शहद व मक्खन के साथ लेकर दूध पी ले। इस प्रयोग को करने के दिनों में दूध-भात या हलवा का सेवन करना चाहिए। इस प्रयोग को करने से दुर्बल स्त्री-पुरुष भी हष्ट-पुष्ट हो जाते है।
मानसिक बीमारी के लिए (For Mental Illness)-
भांग (Cannabis) और काली मिर्च एक-एक ग्राम, जटामासी और सूखी ब्राह्मी दो-दो ग्राम तथा सर्पगंधा एक ग्राम। अब इन सबको एक साथ पीसकर मिश्री मिले दूध में मिलाकर सेवन करने से ज्ञान सम्बन्धी मानसिक रोग दूर होते है तथा अच्छी नींद आती है।
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